बिलासपुर: सिंधी व्यापारियों का अवैध कब्जा तोड़ा तो बौखला गईं मेयर… बोलीं – सिंधी समाज को पागल समझ रखा है क्या… बोहरा समाज को क्यों दिया समय… देखिए 10 वीडियो…

मेयर पूजा विधानी ने स्पष्ट कहा, "जब निर्माण हो रहा था, तब आप लोग कहां थे? अब पूरा भवन खड़ा हो गया तो तोड़ने पहुंच गए? ये कार्रवाई पक्षपातपूर्ण और समाज विशेष को निशाना बनाने वाली है।"

बिलासपुर Bilaspur news। नजूल जमीन पर किए गए निर्माणों पर की गई तोड़फोड़ कार्रवाई को लेकर महापौर पूजा विधानी खुद मैदान में उतर आईं।

महापौर ने निगम अफसरों पर समाज विशेष को टारगेट करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “क्या सिंधी समाज को पागल समझ रखा है?” इसका एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिस पर महापौर दंपत्ति महापौर कार्यालय में निगम अधिकारियों को फटकार लगाते दिख रहे हैं। वीडियो शहर की गलियों से सोशल मीडिया तक गूंज रहा है।

दरअसल शनिवार को ज्वाली नाला क्षेत्र में निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई में आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों को ढहा दिया गया। आरोप है कि यह निर्माण बिना नक्शा पास कराए सरकारी जमीन पर किए गए थे। मगर बवाल तब मचा जब केवल सिंधी समाज के 5 व्यापारियों की दुकानों पर ही बुलडोजर चला और बाकी समाजों के निर्माणों को बख्श दिया गया।

व्यापारियों की फरियाद सुनने खुद महापौर पूजा विधानी नगर निगम कार्यालय में पहुंचीं और भवन शाखा प्रभारी सुरेश शर्मा को चेंबर में बुलाकर जमकर लताड़ा। विधानी ने स्पष्ट कहा, “जब निर्माण हो रहा था, तब आप लोग कहां थे? अब पूरा भवन खड़ा हो गया तो तोड़ने पहुंच गए? ये कार्रवाई पक्षपातपूर्ण और समाज विशेष को निशाना बनाने वाली है।”

 बोहरा समाज को छोड़ सिंधियों पर ही कार्रवाई

विकास भवन स्थित महापौर कार्यालय के अंदर निगम अफसरों को न केवल महापौर पूजा विधानी ने फटकार लगाई, बल्कि उनके पति अशोक विधानी भी अफसरों को खरी-खोटी सुनाते दिखे। महापौर पूजा विधानी ने कहा कि केवल सिंधी समाज के लोगों के निर्माण को ढहाया गया, जबकि पास में बोहरा समाज के लोगों का भी निर्माण है, उसे क्यों समय दिया गया? ये सिंधियों पर ही एकतरफा क्यों कार्रवाई हो रही? निगम आयुक्त को बोल गया था, खजांची वहां मौजूद था, फिर क्यों कार्रवाई नहीं रूकी?

आखिर किसके इशारे पर चल रहा निगम का बुलडोजर 

जिस अवैध निर्माण पर कार्रवाई हुई, उसकी शिकायत खुद भाजपा के एमआईसी सदस्य बंधु मौर्य ने की थी। जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद नोटिस देकर कार्रवाई की गई। अब शहर में चर्चा जोरों पर है कि क्या निगम अफसरों और महापौर के बीच खिंचतान शुरू हो गई है? इधर बातें हो रही हैं कि ये सत्ता के अंदरूनी संघर्ष की आंच है जो अब सार्वजनिक मंच पर फूट पड़ी है?

महापौर की नाराजगी का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल तेज है। सवाल अब यही है—बिलासपुर की सत्ता में चल क्या रहा है और आखिर किसके इशारे पर निगम का बुलडोजर चलता है?

सीमांकन जांच में 3 मीटर कब्जे की हुई पुष्टि

निगम और राजस्व की संयुक्त टीम ने मौके का निरीक्षण किया और सीमांकन के बाद अवैध निर्माण की पुष्टि की। इसके बाद नोटिस देकर कार्रवाई की गई। निर्माण क्षेत्र में करने की बात सामने आई जहां सड़क मार्ग नहीं है और भूमि नगर निगम तथा नजूल की है।

तीसरी मंजिल पर बिना अनुमति लेंटर बनाने, पूर्व दिशा में डेढ़ मीटर और उत्तर दिशा में 3 मीटर कब्जे की जानकारी मिली। यहां आवासीय भवन का नक्शा पास करवाकर तीन मंजिला कमर्शियल भवन बना दिया गया।

महापौर की नाराज़गी के बाद रोकनी पड़ी कार्रवाई

नक्शे में गली की तरफ एंट्री बताई गई थी पर बना दी गई नाले की तरफ। यह निर्माण क्षेत्र में किया गया है जहां सड़क मार्ग नहीं है, भूमि निगम और नजूल की है। भवन में एंट्री जो बनाई गई है वह कमर्शियल तो क्या आवासीय भवन के लायक भी नहीं है।

भाजपा के ही एमआईसी मेंबर के द्वारा की गई शिकायत पर राजस्व और निगम अफसरों की टीम गठित कर जांच और सीमांकन में सरकारी नजूल जमीन में निर्माण की पुष्टि होने पर नोटिस देने के बाद हुई कार्यवाही के बावजूद मचे बवाल और महापौर की नाराज़गी को देखते हुए निगम के अफसरों को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा है। कार्यवाही भी रोकनी पड़ी।