BILASPUR: आशीर्वाद बिल्डकॉन की एक और गड़बड़ी उजागर… गार्डन की 14644 वर्गफीट जमीन का गबन कर बना दिए मकान… सपनों का घर खरीदने वाले हो जाएं सावधान…
Bilaspur: Disturbances are being uprooted layer by layer in Ashirwad Valley… Now the disclosure of building a house on the garden land… Those who bought the dream home were cheated…
बिलासपुर BILASPUR NEWS। आशीर्वाद बिल्डकॉन द्बारा की गई गड़बड़ी परत दर परत उखड़ने लगी है। ताजा मामले में गार्डन की जमीन पर मकान बनाकर बेचने का खुलासा हुआ।
आशीर्वाद बिल्डकॉन के साझेदार विजय कुमार प्रीतवानी व रवि प्रीतवानी ने बोदरी नगर पंचायत स्थित 15.49 एकड़ जमीन पर आशीर्वाद वैली कॉलोनी बसाई है। कॉलोनी विकसित करने से पहले आशीर्वाद बिल्डकॉन के साझेदारों ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में जो ले-आउट जमा कर अनुमति प्रा’ की है, उसके अनुसार आशीर्वाद वैली में 24422 वर्गफीट में गार्डन ए और 33222 वर्गफीट जमीन पर गार्डन बी बनाने का उल्लेख है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व नगर पंचायत बोदरी के सीएमओ ने इस शर्त पर कॉलोनी विकसित करने की अनुमति दी कि किसी भी हालत में मानचित्र में दर्शाए गए प्लाट, गार्डन आदि में छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। यदि किसी भी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो यह अनुमति स्वमेव समा’ हो जाएगी।
आशीर्वाद वैली में मकान खरीदने वाले अरविंद सिंह का आरोप है कि वे वहां मकान खरीदकर ठगे गए हैं। मकान खरीदने से पहले बिल्डर प्रीतवानी ने जितने एरिया में निर्माण करने का सब्जबाग दिखाया था, उससे कम एरिया में निर्माण कर मकान दिया गया है। ऐसा हर किसी के साथ किया गया है। उनका आरोप है कि गार्डन ए 24422 वर्गफीट की जगह 23000 वर्गफीट व गार्डन बी 33222 वर्गफीट के स्थान पर 20000 वर्गफीट जमीन पर बनाया गया है। इस तरह से बिल्डरों ने गार्डन की 14644 वर्गफीट जमीन का गबन करते हुए मकान बनाकर बेच दिया है।
बिल्डरों के गड़बड़झाले में नगर पंचायत बोदरी के अफसरों ने भी जमकर साथ दिया। यही वजह है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी करने के बाद भी बिल्डर दूसरी जगह फिर से कॉलोनी विकसित कर रहे हैं। उनका आरोप है कि अफसरों ने दफ्तर में बैठे-बैठे निरीक्षण रिपोर्ट बना दी, जिसके आधार पर उन्हें कंप्लीट सर्टिफिकेट भी मिल गया है।
अरविंद सिंह ने इससे पहले स्वीमिंग पुल की जमीन पर बैडमिंटन कोर्ट बनाने का खुलासा किया था। इसके बाद उन्होंने बताया था कि आशीर्वाद बिल्डकॉन को 160 मकान बनाने की अनुमति मिली थी, लेकिन उन्होंने मकानों का एरिया कम करते हुए 220 मकान बनाकर बेचा है।