बिलासपुर में अवैध प्लॉटिंग का खेल… रेरा और टीएनसी के नाम पर धोखाधड़ी…
इस अवैध प्लॉटिंग के खेल में केवल कॉलोनाइजर्स ही नहीं, बल्कि राजस्व अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आ रही है। आरोप है कि बिना अधिकारियों की जानकारी और सहमति के इस तरह की अवैध गतिविधियां संभव नहीं हो सकतीं।
बिलासपुर। नगर निगम सीमा और इसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग का धंधा पिछले कई वर्षों से फल-फूल रहा है, लेकिन अब यह और भी संगठित रूप में फैल चुका है। जहां एक ओर राज्य सरकार अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, वहीं कुछ कॉलोनाइजर रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) और टीएनसी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) की आड़ में अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं।
अवैध प्लॉटिंग की नई तरकीब
सरकार द्वारा नियमों की कड़ाई के बाद कच्ची प्लॉटिंग के मामले कम हुए हैं, लेकिन अब कुछ कॉलोनाइजर नए तरीके अपनाने लगे हैं। वे रेरा और टीएनसी से सीमित भूमि के लिए अनुमति लेते हैं और उसके आसपास की जमीन पर अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर रहे हैं। इन कॉलोनाइजर्स को रेरा और टीएनसी से कॉलोनी विकसित करने की अनुमति तो पांच एकड़ या इससे कम जमीन के लिए मिलती है, लेकिन इसके आसपास की जमीन पर बिना अनुमति के अवैध प्लॉटिंग की जा रही है। इस तरह के प्लॉट्स बिना मास्टर प्लान और रजिस्ट्रेशन के होते हैं, जो भविष्य में खरीदारों के लिए कानूनी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
सस्ते प्लॉट्स के चक्कर में धोखाधड़ी
अवैध प्लॉटिंग में सबसे बड़ा आकर्षण सस्ती जमीनों का होता है। खरीदारों को सस्ते प्लॉट्स का लालच देकर इन कॉलोनाइजर्स ने कई लोगों को ठगा है। ये प्लॉट्स आमतौर पर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर बेचे जाते हैं, जिससे लोग आकर्षित हो जाते हैं। लेकिन इन प्लॉट्स में कोई कानूनी सुरक्षा नहीं होती, और खरीदारों को बाद में जमीन के कानूनी मामलों में उलझना पड़ता है। इसके अलावा, इन प्लॉट्स में न तो आवश्यक बुनियादी सुविधाएं होती हैं और न ही सही तरीके से विकास होता है, जिससे खरीदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत
इस अवैध प्लॉटिंग के खेल में केवल कॉलोनाइजर्स ही नहीं, बल्कि राजस्व अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आ रही है। आरोप है कि बिना अधिकारियों की जानकारी और सहमति के इस तरह की अवैध गतिविधियां संभव नहीं हो सकतीं। स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर यदि समय रहते कार्यवाही की जाती, तो यह समस्या इतनी बढ़ने न पाती।
आगे की क्या प्लानिंग
www.aajkal.info ने इस अवैध प्लॉटिंग के खेल का खुलासा करने की योजना बनाई है। इसमें कॉलोनाइजरों के नाम, खसरा नंबर और अन्य कानूनी दस्तावेजों का विवरण शामिल होगा।