छत्तीसगढ़: वन विभाग में खाली पदों पर भर्ती का रास्ता खुला… इस पद की वेटिंग लिस्ट के 77 उम्मीदवारों को मिलेगी नौकरी… सरकार बोली- टेस्ट में फेल उम्मीदवारों को अब नहीं मिलेगा दोबारा मौका…

Chhattisgarh: The way for recruitment to vacant posts in the forest department is open... 77 candidates from the waiting list for this post will get jobs... The government said- Candidates who fail in the test will not get a second chance...

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ वन सेवा भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट में फेल हो चुके लोगों को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। सरकार के इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी है। दरअसल, भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में 8 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी।

अभ्यर्थियों ने कहा था कि फेल उम्मीदवारों को मौका देकर सरकार वेटिग लिस्ट के उम्मीदवारों को उनके अधिकार से वंचित कर रही है। यह नियमों और प्रावधानों के खिलाफ है। शासन ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद वन सेवा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। अब याचिका निराकृत कर दी गई है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब खाली पड़े रेंजर के 49 पदों को वेटिग लिस्ट के 77 उम्मीदवारों से भरा जाएगा।

याचिका के अनुसार कांग्रेस सरकार ने साल 2०2० में वन विभाग में भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। इसके तहत सीजीपीएससी द्बारा साल 2०21 में वन सेवा भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद 3 जून 2०23 को परीक्षा का रिजल्ट सीजीपीएससी द्बारा जारी कर मुख्य एवं अनुपूरक सूची जारी की गई। इसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षण रायपुर कार्यालय में चयनित अभ्यर्थियों का दस्तावेज परीक्षण के बाद 12 सितंबर 2०23 को शारीरिक मापदंड परीक्षण लिया गया। इसके बाद से गड़बड़ी शुरू हो गई। इस गड़बड़ी के खिलाफ बस्तर के योगेश बघेल, मधुसूदन मौर्या, घनश्याम और 6 अन्य लोगों ने याचिका लगाई थी।

शासन ने कहा- फिजिकल टेस्ट में फेल उम्मीदवारों को नहीं मिलेगा दोबारा मौका

याचिका में कहा गया था कि 12 सितंबर को आयोजित शारीरिक मापदंड परीक्षण में 4 घंटे के भीतर 26 किलोमीटर पैदल चलना था, जिसमें 2० से अधिक अभ्यर्थी इस परीक्षण में असफल रहे। लिहाजा, वेटिग लिस्ट के अभ्यर्थियों को उन अभ्यर्थियों के स्थान पर फिजिकल टेस्ट के लिए मौका दिया जाना था। अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी लिए जाने पर अनुपूरक सूची में दर्ज अभ्यर्थियों को मौका नहीं देकर फिजिकल टेस्ट में फेल हुए अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिए जाने का फैसला ले लिया।

इसके खिलाफ दायर याचिका में कहा गया कि इस पूरे मामले को लेकर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। याचिका में हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सरकार की ओर से विभिन्न न्यायदृष्टांत प्रस्तुत कर फिजिकल टेस्ट पूरी तरह से पारदर्शी होने एवं इसमें असफल होने वाले उम्मीदवारों को दोबारा अवसर नहीं दिए जाने की बात कही गई। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद भर्ती प्रक्रिया व फिजिकल टेस्ट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने पर याचिका को निराकृत किया है। याचिका निराकृत होने पर पिछले डेढ़ वर्ष से रूकी भर्ती प्रक्रिया जल्दी पूरा होगा।