तुमान स्कूल के प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल का नया ड्रामा… गड़बड़ी का पर्दाफाश करने वालों के खिलाफ कर दी झूठी शिकायत… कार्रवाई से बचने और आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देने निकाला नया बहाना… एसपी, आईजी और डीजीपी तक पहुंची शिकायत… देखिए गड़बड़ी के सबूत…
बिलासपुर। कोरबा के करतला ब्लॉक स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमान के प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल का जवाब नहीं। पद का दुरुपयोग करने के मामले की पुष्टि होने के बाद भी उनकी हेकड़ी नहीं निकली है। उलूल-जूलूल हरकत करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। अब गड़बड़ी का पर्दाफाश करने वालों को खिलाफ झूठी शिकायत करने के मामले में पटेल फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, पटेल ने कार्रवाई से बचने और आरटीआई के तहत जानकारी न देना पड़े, इसलिए गड़बड़ी का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार समेत तीन अन्य के खिलाफ एसपी के पास झूठी शिकायत कर दी है। यह मामला सामने आते ही पत्रकार समेत तीन अन्य लोगों ने पटेल के खिलाफ झूठी शिकायत करने पर कार्रवाई करने की मांग उरगा थानेदार, एसपी कोरबा, आईजी बिलासपुर व डीजीपी से की है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमान सुर्खियों में आया था। वहां के प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल पर बिना प्रैक्टिकल परीक्षा के चार छात्रों को अंक दिए जाने का आरोप लगा था। शिक्षा संभाग बिलासपुर के संयुक्त संचालक द्वारा गई जांच इस आरोप की पुष्टि भी हो गई है। न्यूज वेबसाइट आजकल.इंफो समेत अन्य समाचार पत्रों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इससे पहले आजकल.इंफो ने इस मामले को लगातार प्रकाशित किया था। गड़बड़ी उजागर न हो, इसलिए तुमान स्कूल के प्राचार्य पटेल ने गलत खबर प्रकाशित कर छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए उरगा थाने में शिकायत की थी।
आजकल.इफो ने खबर प्रकाशित करने के आधार को सबूत के तौर उरगा थाने में पहुंचाया था। इधर, जांच में यह पुष्टि हो गई कि प्राचार्य पटेल ने बिना परीक्षा के ही चार छात्रों को प्रैक्टिकल अंक दिए हैं। अग्रगमन सेंटर में भी परीक्षा नहीं होने की पुष्टि प्रभारी एमपी सिंह ने की है। पद का दुरुपयोग करने के मामले में प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीपीआई को पत्र लिखा गया है।
इधर, आरटीआई कार्यकर्ता ने तुमान स्कूल में आरटीआई के तहत 23 आवेदन लगाया है, जिसे लेने से पहले तो प्राचार्य पटेल ने हीलाहवाला किया। दूसरी ओर, पद का दुरुपयोग करने के मामले में प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करने के लिए एसीबी को पत्र भेजा गया है। चारों तरफ से खुद को फंसते देख प्राचार्य पटेल अब झूठी शिकायत करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने एसपी को शिकायत करते हुए अब भी दावा किया है कि चारों छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा अग्रगमन सेंटर में हुई है, जबकि अग्रगमन सेंटर प्रभारी ने लिखित जवाब दिया है कि अग्रगमन सेंटर में किसी तरह की कोई परीक्षा नहीं हुई है। प्राचार्य ने यह भी कहा है कि उनके खिलाफ जो शिकायत हुई थी, उसकी जांच शिक्षा संभाग बिलासपुर ने की है, जिसमें उन्हें अब तक दंड नहीं मिला है।
प्राचार्य पटेल ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि आरटीआई के तहत आवेदन लगाकर और खबरें प्रकाशित उनका भयादोहन किया जा रहा है। इसलिए इन लोगों को गिरफ़्तार किया जाए। इसके जवाब में पत्रकार समेत तीन अन्य लोगों ने भी झूठी शिकायत करने पर कार्रवाई की मांग एसपी, आईजी व डीजीपी से की है। इनका कहना है कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, जिसे देने के बजाय प्राचार्य भयादोहन का झूठा आरोप लगा रहे हैं। सबूत के तौर पर शिकायत पत्र के साथ शिक्षा संभाग द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट की कापी भी संलग्न की गई है।