बिलासपुर; सीपत थाने में पदस्थ निरीक्षक गोपाल सतपथी की विवेचना बनेगी नजीर… स्वतंत्र गवाहों के साथ ही दुष्कर्म पीड़िता भी पलट गई बयान से, सटिक विवेचना में जुटाए गए साक्ष्य ने दुष्कर्मी को दिलाई सजा…
बिलासपुर। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 14 वर्ष की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने और बाद में जबरन उसका गर्भपात करवाने वाले आरोपी को जांजगीर सत्र न्यायाधीश ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। आरोपी ने नाबालिग का अपहरण कर उसे 3 महीने तक जम्मू कश्मीर में अपने साथ बंधक बना कर रखा था। गांव के स्वतंत्र गवाहों के साथ ही स्वयं पीड़िता के ही अपने बयान से पलट जाने के बावजूद इस मामले में पुलिस की सटीक लिखा-पढ़ी से आरोपी का दोष सिद्ध हुआ। इस मामले की विवेचना सीपत थाने के निरीक्षक गोपाल सतपथी ने की थी, उस समय वे जांजगीर-चांपा जिले में पदस्थ थ्ो। उन्होंने बताया कि ये घटना जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा थाने की है। उन्होंने बताया कि 11 जनवरी 2०23 को जब वे बलौदा ठाणे के इंजार्ज थे, तब आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 14 वर्ष की नाबालिग के परिजनों ने थाने आकर रिपोर्ट दर्ज करवाई कि दिनेश कुमार निर्मलकर नाम के एक व्यक्ति ने उनकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए निरीक्षक गोपाल सतपथी ने भादंवि की 363 का अपराध दर्ज कर तत्काल जाँच शुरू की।
पहले भी नाबालिग को भगा ले गया था आरोपी
मुखबिर और साइबर सेल से भी इस मामले में मदद ली गई। नाबालिग के परिजनों का बयान लेकर पुलिस ने गांव के अन्य लोगों से भी पूछताछ की। सभी ने दिनेश कुमार निर्मलकर नाम के व्यक्ति पर ही शक जाहिर किया। परिजनों के अलावा गांव के कुछ अन्य लोगों के बयान बतौर गवाह दर्ज किए गए। जांच में ये बात सामने आई कि दिनेश कुमार निर्मलकर पहले भी नाबालिग को लेकर भाग चुका है। नाबालिग के परिजनों से इसी बात पर उसका झगड़ा भी हो चुका है।
जम्मू-कश्मीर से पकड़ा गया आरोपी
निरीक्षक गोपाल सत्पथी ने बताया कि संदेही दिनेश कुमार निर्मलकर की लोकेशन पर साइबर की सहायता से लगातार नजर रखी जा रही थी, जिससे मालूम चला कि वह अपने मोबाइल पर कुछ दिनों के अंतराल में नए सिम कार्ड लगाकर पुराने सिम कार्ड तोड़ दिया करता था। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के सतावरी रोड से दिनेश कुमार निर्मलकर को गिरफ्तार किया और उसके कब्ज़े से पीड़िता को बरामद किया गया।
दवा खिलाकर कराया गर्भपात
पीड़ित नाबालिग ने पुलिस को अपने बयान में बताया कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर जबरदस्ती अपने साथ ले गया था। आरोपी ईंट भट्ठे में पीड़िता से मजदूरी भी करवाता था। नाबालिग ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया और गर्भवती हो जाने पर दवा खिलाकर उसका गर्भपात करवा दिया।
अदालत में बयान से मुकरे गवाह
अदालत में सुनवाई चलने के दौरान इस मामले में गांव के जो लोग स्वतंत्र गवाह थे, वे अपने बयान से मुकर गए। यहां तक कि स्वयं पीड़ित नाबालिग भी पुलिस को दिए अपने बयान से मुकर गई।
मात्र 25 दिनों में प्रस्तुत किया चालान
निरीक्षक गोपाल सतपथी ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने मात्र 25 दिनों में ही इसका चालान प्रस्तुत कर दिया था। उन्होंने बताया कि ऐसे संवेदनशील मामलों में जांच का समय बहुत महत्व रखता है। जैसे चालान प्रस्तुत हो जाना और अच्छे तरीके से बयान दर्ज होना, इन दोनों ही बातों ने आरोपी पर अपराध सिद्ध किया।
गवाह मुकरने के बाद भी सिद्ध हो सकता है अपराध
उन्होंने बताया कि गवाहों के मुकर जाने के बावजूद ऐसे मामलों में साक्ष्यों के आधार पर आरोपी का अपराध सिद्ध हो सकता है। जांजगीर सत्र न्यायलय ने इस मामले में इसी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अभियुक्त को सजा सुनाते हुए उसे धारा 363 (अपहरण) के लिए 5 वर्ष, धारा 366 (अपहरण के बाद शादी की कोशिश) के लिए 5 वर्ष, धारा 376(2)(एन) (दुष्कर्म) के लिए 1० वर्ष और पाक्सो एक्ट की धारा 6 (बालकों के साथ दुष्कर्म) के लिए 2० वर्ष की सजा सुनाई। इसके अलावा प्रत्येक अपराध पर 5०० रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।