शराब खरीदी की कंपनी में एमडी वही, जो ढेबर मन भाए…
The MD of the liquor purchasing company is the same person who pleases his heart.
भाजपा का शासन शुरू हो चुका है, लेकिन शराब, कोयला, रेत, खनिज सभी में ऐसे लोग अपनी जुगत भिड़ा रहे हैं, जो कांग्रेस के समय भी सक्रिय रहे। ऐसे ही एक अफसर को भाजपा शासनकाल में शराब कंपनी का एमडी बना दिया गया है, जो ढेबर के करीबी थे। उन्हें रायपुर नगर निगम में बाकायदा अपर आयुक्त बनाकर लाया गया था।
शराब लॉबी में नाम बदलने का खेल चल रहा है, चेहरे वही पुराने होंगे। इसी कड़ी में चहेते अधिकारियों को मनमानी पोस्टिंग करवाई जा रही है। इसके लिए बाकायदा यह भी कहा जा रहा है कि जितना पैसा लगे, कंपनी देगी, अफसर उनके मुताबिक होना चाहिए।
भाजपा ने इस खेल को शुरू में ही नहीं रोका, तो आने वाले समय में जो धारणा कांग्रेस के लिए पांच साल में बन गई, वह धारणा दो साल में ही भाजपा के लिए बन जाएगी।
जिन्हें अभी यहां लाया गया है, वो भाजपा में वित्त विभाग से संबंधित एक पद सुशोभित व्यक्ति के भतीजे भी हैं। सुनने में यह भी आ रहा है कि संघ का नाम लेकर इन्होंने शराब में वसूली भी शुरू कर दी है। यह संकेत खतरनाक है। आबकारी विभाग को कांग्रेस शासन में एक दागी विभाग का तमगा मिल चुका है। इस दाग में कहीं भाजपा चार चांद न लगा दे।
(गोलर: इस कॉलम की शुरुआत हम फिर से कर रहे हैं।)