aajkal.info BREAKING: जांजगीर-चांपा जिले में चर्चित पहाड़ के पास बड़े झाड़ के जंगल में रिसॉर्ट… 300 रुपए प्रति वर्गफीट में धड़ल्ले से की जा रही बिक्री… सब जानकार प्रशासन भी मौन…
www.aajkal.info के पास जांजगीर-चांपा जिले के उक्त गांव के ग्रामीणों ने बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीन पर रिसॉर्ट बनाकर बेचे जा रहे मामले का भंडाफोड़ किया है। ग्रामीणों ने इस जमीन की मिसल बंदोबस्त से लेकर सारे दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं।

बिलासपुर। बिलासपुर संभाग मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर जांजगीर-चांपा जिले में एक चर्चित पहाड़ के पास बड़े झाड़ के जंगल की जमीन पर रिसॉर्ट बनाकर बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां 300 रुपए प्रति वर्गफीट कीमत पर धड़ल्ले से रिसॉर्ट बनाने के लिए जमीन की बिक्री की जा रही है। दिलचस्प यह है कि सब कुछ जानते हुए जांजगीर-चांपा जिले के राजस्व विभाग के अफसर मौन हैं। दरअसल, बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीन की बिक्री के बाद जब नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन लगाया गया, तब ग्रामीणों की आपत्ति के बाद तहसीलदार ने नामांतरण आवेदन निरस्त कर दिया, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की।
www.aajkal.info के पास जांजगीर-चांपा जिले के उक्त गांव के ग्रामीणों ने बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीन पर रिसॉर्ट बनाकर बेचे जा रहे मामले का भंडाफोड़ किया है। ग्रामीणों ने इस जमीन की मिसल बंदोबस्त से लेकर सारे दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। ग्रामीणों के अनुसार वन विभाग की ओर से गांव में तीन खसरा नंबर में कुल 7.154 हेक्टेयर जमीन पर सागौन वृक्ष का रोपण किया गया था।
इस भूमि पर तरौद निवासी मुरारी मित्तल पिता दिनेश कुमार मित्तल और चंदन ताम्रकार पिता बिहारी ताम्रकार ने अवैध कब्जा कर लिया और वहां रोपे गए सागौन के वृक्ष को कटवाकर भूमि समतल कर दिया गया। इसके बाद वहां आवासीय मकान और रिसॉर्ट बनाए जा रहे हैं।
इस भूमि का खसरा नंबर 7 सत्र 1939-40 से मिसल बंदोबस्त में बड़े झाड़ का जंगल दर्ज है। इसके बाद भी मुरारी और चंदन ने इस जमीन पर 74 आवासीय प्लाट और रिसॉर्ट काटे हैं। अंदर 40 फीट का मुरुम रास्ता बनाया गया है। इसमें से 80 प्रतिशत भूखंड को टुकड़ों में 300 रुपए वर्गफीट के हिसाब से बेच दिया गया है। दस्तावेज के अनुसार मुरारी और चंदन ने मोहन लाल पटेल पिता महेत्तर लाल पटेल, डॉ. अभिनव साहू पिता डॉ. राकेश साहू, श्रीमती अल्पना जैन समेत 60 से अधिक लोगों को रिसॉर्ट बनाने के लिए जमीन को बेच दिया है। वहां पर कई लोगों ने रिसॉर्ट तक बना लिया है।

डायवर्सन न सक्षम अधिकारी की अनुमति
ग्रामीणों ने दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि बड़े झाड़ के जगह पर विकसित किए गए रिसॉर्ट की जमीन से जिले का चर्चित पहाड़ दिखता है। पहाड़ के ऊपर चढ़कर देखने पर रिसॉर्ट का एरिया कश्मीर सा नजर आता है। उनका कहना है कि मुरारी और चंदन ने इस भूमि का डायवर्सन भी नहीं कराया है। यही नहीं, बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीन को बेचने के लिए किसी सक्षम अधिकारी से भी अनुमति नहीं ली गई है।
नामांतरण आवेदन निरस्त, पर कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि 10 रिसॉर्ट बेचने के बाद मुरारी और चंदन ने तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन लगाया। इसकी जानकारी होने के पर ग्रामीणों ने सरपंच से मिलकर तहसील कार्यालय में आपत्ति लगाई। दस्तावेज देखने के बाद तहसीलदार ने नामांतरण का आवेदन निरस्त कर दिया। इसके बाद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की।
ग्रामीणों का आरोप है कि मुरारी और चंदन के अवैध कारनामे को कुछ राजस्व अफसरों का संरक्षण है। यही वजह है कि सब कुछ स्पष्ट होने के बाद भी अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। वहां अभी रिसॉर्ट की बिक्री की जा रही है।
(तहसील न्यायालय से नामांतरण आवेदन खारिज होने के बाद मुरारी और चंदन ने एसडीएम न्यायालय में अपील की। एसडीएम न्यायालय से जो फैसला हुआ है, उसकी कापी www.aajkal.info के पास उपलब्ध है। एसडीएम ने इस पर क्या फैसला दिया, यह जानने के लिए पढ़ते रहिए, www.aajkal.info)