बिलासपुर: सुनिए थानेदार साहब… पेट्रोल पंप संचालक मनिंदर सिंह ने पालकर रखा है गुंडा… 1.60 करोड़ की अवैध उगाही करने भेजा है कथित विधायक प्रतिनिधि को… नहीं देने पर देता है जान से मारने की धमकी… टीआई बोले- हो गई है एफआईआर… जानिए क्या पूरा मामला…
बिलासपुर। सिविल लाइन पुलिस ने 1.60 करोड़ रुपए नहीं देने पर बिल्डर को जान से मारने की धमकी देने वाले कथित विधायक प्रतिनिधि और पेट्रोल पंप संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। शिकायतकर्ता द्वारा सबूत के तौर पर पेश किए गए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
सिविल लाइन पुलिस के अनुसार अमलतास कालोनी नर्मदा नगर निवासी राकेश शर्मा पिता एसएम शर्मा (47) ने थाने में लिखित शिकायत की थी। उसने बताया था कि मंगला पटवारी हल्का नंबर 35 खसरा नंबर 1487/1 रकबा 0.032 हेक्टेयर कुल 3500 वर्गफीट एवं खसरा नं 1487/8 में रकबा 0.032 हेक्टेयर 3500 वर्गफीट एवं खसरा नं 1487/9 में रकबा 0.032 हेक्टेयर कुल 3500 वर्गफीट कुल जुमला 10,500 वर्गफीट उसकी जमीन हैं, जो चारों दिशाओं से बाउड्रीवाल से घिरी हुई भूमि है, जिसे उसने तीन अलग-अलग विक्रय पत्रों के माध्यम से खरीदा है।
जमीन क्रय करने के बाद उसने राजस्व अभिलेख में अपने फर्म शिब्या बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से नामांतरण कराकर पड़ोसी भूमि स्वामियों की उपस्थिति में सीमाकंन कराकर नगर निगम एव अन्य विभाग से विधिवत अनुज्ञा प्राप्त कर अपने भवन का निर्माण करा रहा है।
उसका आरोप है कि उसकी भूमि पर निर्माण कार्य शूरू होने के करीब 2 माह बाद 15 जनवरी 2020 को पड़ोसी भूमि स्वामी मनिन्दर सिंह आया और निर्माण कार्य में बाधा डालकर धमकी देते हुए मुझसे रकम की मांग करने लगा। रकम नहीं देने पर उसने निर्माण कार्य में बाधा डालने की नियत से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के यहां गलत जानकारी देकर मामला प्रस्तुत कर स्थागन आदेश प्राप्त कर लिया था। मामले की जांच के बाद न्यायलय में राकेश शर्मा द्वारा पेश कागजात एवं निर्माण कार्य सही पाये जाने पर मनिन्दर सिंह के मामले में दिए गए स्थागन निरस्त को कर दिया था।
राकेश शर्मा का आरोप है कि जुलाई 2020 में स्थगन आदेश मिलने के बाद मनिन्दर सिंह के कहने पर उसकी ओर से सांई आनंदम उसलापुर निवासी सुशील कश्यप उसके पास आया और कहने लगा कि मैं मनिन्दर सिंह से राजीनामा कर लूं, उसके बदले एक करोड साठ लाख रुपए देना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा। इस संबध में राकेश शर्मा ने मनिन्दर सिंह से बात की तो जवाब मिला कि सुशील कश्यप ही उसकी ओर से बात करेगा। रकम कब कैसे देना है, वह बता देगा। इस संबध में मनिन्दर से मोबाइल फोन पर हुई बातचीत का वाइस रिकार्ड भी है।
भय से बैंक खाते में जमा करा दिए 20 हजार रुपए
राकेश शर्मा का कहना है कि वह बिल्डर का कार्य करता है। अनावश्यक किसी विवाद में नहीं पडना चाहता था। बार-बार डराने-धमकाने से वह भयभीत हो गया था। इससे छुटकारा पाने के लिए उसने सुशील कश्यप के बैंक खाते में अपने बैंक खाते से 20 हजार रुपए ट्रांसफर कराया था। आरोप है कि 20 हजार रुपए पाने के बाद भी कश्यप ने अपने मोबाइल नंबर 8718885555 व 7000205059 से राकेश शर्मा के मोबाइल न. 7688080000 पर कई बार कॉल किया और एक करोड़ साठ लाख रुपए की मांग करते हुए उसे डराता धमकाता रहा।
किस्तों में पैसे जमा करने कहा
राकेश शर्मा का आरोप है कि 6 अगस्त 2020 को वह अपने कार्यालय अमलतास कालोनी में कमलजीत सिंह के साथ बैठकर बातचीत कर रहा था, तभी रात्रि करीब 08.00 बजे अचानक सुशील कश्यप उसका आफिस आया और धमकी देकर पुनः पैसे की मांग करने लगा। पैसा नहीं होने की बात कहने पर वह किस्तो में पैसा देने की बात कहने लगा। उसने यह भी कहा कि स्थगन हटाने के लिये 31 लाख रूपये लगेंगे, उसके बाद राजस्व अधिकारियों से बात हो चुकी हैं, क्योकि मनिन्दर सिंह ने पुनः और स्थागन के लिये दूसरी अदालत में आवेदन दिया था। तब उसने उसे सोचकर बताने के लिये समय की मांग की थी।
जल्दी पैसे दो, वरना अंजाम बुरा होगा
आरोप है कि 8 अगस्त 2020 को मनिन्दर सिंह के कहने पर सुशील कश्यप आफिस में आया। उस समय राकेश शर्मा, अपनी पत्नी, कर्मचारी रिकेश पाली व ड्राइवर हरिशंकर यादव के साथ बैठा था। सुशील कश्यप ने उसे धमकी देते हुये कहा कि अभी तक एक करोड़ साठ लाख रूपये तुमने क्यों नहीं दिया हैं, एक माह से पैसा के लिये घूमा रहे हो। यदि जल्दी पैसा नहीं दोगे तो इसका अंजाम तुम अपनी जान भी खो सकते हो। सुशील कश्यप की बातचीत को उसने अपने मोबाइल फोन में रिकार्ड कर लिया है। बता दें कि सुशील कश्यप अपने वाहन में विधायक प्रतिनिधि लिखाकर घूमते रहता है।
टीआई स्वर्णकार बोले- हो गई एफआईआर
इस मामले में सिविल लाइन टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार का कहना है कि बिल्डर की शिकायत पर मनिंदर सिंह और सुशील कश्यप के खिलाफ धारा 384, 34 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। मामले में विवेचना की जा रही है।