बिलासपुर: चांटापारा एनीकट में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने इंजीनियर लेकर पहुंचे विधायक शैलेश पांडेय… मंत्री चौबे को देंगे रिपोर्ट… विधानसभा में उठाएंगे मामला… जानिए क्यों बह गया एनीकट…

बिलासपुर। शहर विधायक शैलेश पांडेय ने हल्की बारिश में बह गए चांटापारा एनीकट का निरीक्षण मंगलवार को इंजीनियर के साथ किया। प्रथमदृष्टया जांच में यह तथ्य सामने आया है कि घटिया क्वालिटी की ढलाई की गई थी, जो पानी के हल्के झटके को भी सहन नहीं कर सका। विधायक पांडेय निरीक्षण की पूरी रिपोर्ट जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे को देंगे।

बीते माह जुलाई में कोटा जल संसाधन संभाग के अंतर्गत चांटापारा एनीकट बह गया था। जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे के निर्देश पर शहर विधायक शैलेश पांडेय वहां का निरीक्षण कर लौट आए हैं। शहर विधायक का कहना है कि पूरे घोटाले की जांच कराई जाएगी। इसके लिए मंत्री से मांग की जाएगी और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।

इंजीनियर शैलेंद्र जायसवाल ने बताया कि प्रथमदृष्टया जांच में यह पता चला है कि नदी में 25 फीट गहराई तक रेत है। इसके बाद पत्थर है। एनीकट का निर्माण करते समय इतनी गहराई तक खुदाई करनी थी और फाउंडेशन को पत्थर पर टिकाना था, जिसे ड्रायप्रॉम वाल कहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ढलाई भी घटिया क्वालिटी की है। एनीकट की दीवार कई जगह से क्रेक हो गई है। छड़ भी झांक रहे हैं। निर्माण में किए गए समझौते के कारण ही एनीकट ढह गया। अब इस एनीकट की मरम्मत नहीं की जा सकती। दूसरी जगह एनीकट बनाना पड़ेगा। उन्होंने बताया नदी के ऊपर से चलने के लिए बनाई गई 8 फीट की सड़क भी बह गई है।  

बता दें कि कोटा जल संसाधन संभाग अंतर्गत 2014-2015 में 7 करोड़ की लागत से चांटापारा में एनीकट बनाया गया था। उस समय यह सब्जबाग दिखाया गया था कि एनीकट में पानी रुकेगा, जिससे आसपास का जलस्तर बढ़ेगा। साथ ही सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा लोगों को नदी के उस पार जाने के लिए एक रास्ता मिल जाएगा। मूल्यांकन व सत्यापन के बाद विभाग ने ठेकेदार को पूरी राशि का भुगतान भी कर दिया।

सत्र 2015-16 में चांटापारा एनीकट पानी में बह गया। उस समय वहां वीके श्रीवास्तव ईई थे। शासन के आदेश पर जांच हुई, जिसमें घटिया निर्माण की पुष्टि हुई और छोटे अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। जांच के बाद एनीकट की मरम्मत के लिए राज्य शासन ने एक करोड़ रुपए स्वीकृत किए। कोटा जल संसाधन संभाग के अधिकारियों की देखरेख में ठेकेदार एनीकट की रिपेयरिंग की, जिससे संतुष्ट होते हुए विभाग ने रिपेयरिंग करने वाले ठेकेदार को पेमेंट कर दिया। बीते जुलाई माह में तेज बारिश हुई। नदी में पानी में बहाव बढ़ा, जिसने रिपेयरिंग में भी की गड़बड़ी की पोल खोलकर रख दी। पानी के बहाव को भी एनीकट सहन नहीं कर सका और बीच से पूरा स्ट्रक्चर बह गया।

इस मामले को जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने गंभीरता से लिया। उन्होंने बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय को मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को विधायक शैलेश पांडेय वहां निरीक्षण करने गए थे। उनके साथ इंजीनियर शैलेंद्र जायसवाल, दीपांशु श्रीवास्तव, विनय शुक्ला आदि थे।