बिलासपुर: बीयर बॉटल के पंजीयन नंबर ने खोला हत्या का राज… मौसेरी बहन के इश्क में जान गंवा बैठा… जानिए पुलिस कैसे पहुंची आरोपियों तक…

दुर्गेश और ललिता कई दिनों तक दीपक यादव की हत्या करने की योजना बनाते रहे और घटना के बाद पुलिस से बचने की तरकीब भी लगाते थे, जिसके तहत यू-ट्यूब पर क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल देखकर बचने की योजना बनाते रहते थे। 14 अप्रैल की शाम दीपक यादव को दुर्गेश नूतन चौक में मिला।

बिलासपुर। पुलिस ने चकरभाठा स्थित होटल सेंट्रल पाइंट के पीछे मिली एक लाश की गुत्थी सुलझा ली है। मौसरी बहन से अवैध संबंध होने का संदेह उसकी मौत का कारण बना है। वैसे तो मामले की गुत्थी बहुत ही उलझी हुई थी, लेकिन पुलिस ने चतुराई दिखाते हुए इस अंध्ो कत्ल का राज खोल दिया है। पुलिस को घटनास्थल पर मिली बीयर की बॉटल ने बड़ा सुराग दिया।

बीयर बॉटल के पंजीयन नंबर के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि मौसेरे भाई को ठिकाने लगाने के लिए मौसेरी बहन और उसका प्रेमी यू-टñूब पर कई दिनों पेट्रोल क्राइम सीरियल को देखते रहे, ताकि उसकी हत्या करने के बाद वे पकड़े न जाएं।

उल्लेखनीय है कि 14 अप्रैल की सुबह चकरभाठा स्थित होटल सेंट्रल पाइंट के पीछे एक व्यक्ति की लाश मिलने की सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंची थी, जहां एक व्यक्ति का खून से लथपथ शव पड़ा मिला।

आसपास पूछताछ करने पर कुछ जानकारी प्राप्त नहीं हुई। एसपी संतोष कुमार सिह ने एएसपी शहर राजेंद्र कुमार जायसवाल, डीएसपी गरिमा द्बिवेदी, सीएसपी चकरभाठा को मामले में तत्काल संज्ञान लेने के निर्देश दिए। पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची। एसीसीयू प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र वैष्णव व टीआई चकरभाठा दिनेश चन्द्रा ने अपनी-अपनी टीम को साक्ष्य एकत्र करने में लगा दिया।

इसी दौरान एसीसीयू टीम को पता चला कि शव मृतक दीपक यादव पिता परदेशी यादव उम्र करीब 3० साल निवासी मकान नंबर 17 वार्ड न. 46 चौबे कॉलोनी अटल आवास नया सरकण्डा बिलासपुर जिला बिलासपुर (छ.ग.) का है, जो पेशे से ड्राइवर था। उसके संबंध मंे आसपास पूछताछ की जा रही थी कि घटनास्थल पर ही घटना में प्रयुक्त खून से लथपथ बीयर बॉटल पड़ी मिली।

बीयर बॉटल के पंजीयन नंबर से बीयर बॉटल की बिक्री स्थान का पता लगाया गया, जो उपरोक्त बीयर बॉटल व्यापार विहार स्थित शराब दुकान से खरीदने की जानकारी मिली। शराब दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे से संदिग्धों की पहचान की गई। बाद में पता चला कि संदिग्धों का संबंध मृतक से है।

एसीसीयू को पूछताछ और साक्ष्य संकलन दौरान पता चला कि सरकंडा अटल आवास की ललीता यादव ने अपने पति को छोड़ दिया है, उसका संबंध आरोपी दुर्गेश यादव से था, लेकिन दुर्गेश ललीता यादव का किसी और से बातचीत करने परिचय रखने से नाराज रहता था।

दुर्गेश को शक था कि ललिता का संबंध उसके मौसेरे भाई दीपक यादव से है। इसी बात को लेकर वह ललीता से झगड़ा किया करता था और दीपक को जान से मार दूंगा या हाथ-पैर तोड़ दूंगा बोलता था। कई बार मृतक दीपक और दुर्गेश यादव के बीच इसी बात को लेकर झगड़ा भी हुआ था।

दुर्गेश और ललिता कई दिनों तक दीपक यादव की हत्या करने की योजना बनाते रहे और घटना के बाद पुलिस से बचने की तरकीब भी लगाते थे, जिसके तहत यू-ट्यूब पर क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल देखकर बचने की योजना बनाते रहते थे। 14 अप्रैल की शाम दीपक यादव को दुर्गेश नूतन चौक में मिला। दीपक की गाड़ी नूतन चौक में ही छुड़वाकर अपने साथ कंपनी की मारुतिब्रेजा गाड़ी कमांक सीजी ०4 यू 44०4 में बैठाकर व्यापार विहार ले आया।

यहांॅ से अपने दोस्त हाईड्रा क्रेन ऑपरेटर मनोज यादव को साथ मिलाकर शराब पिलाने का झांसा देकर दीपक यादव को साथ लेकर पहले व्यापार विहार शराब दुकान से बीयर व अन्य शराब खरीदकर कार में चकरभाठा तरफ ले गये। सूनसान इलाके में गाड़ी खड़ी कर दुर्गेश यादव व मनोज यादव दोनों ने मिलकर दीपक को शराब पिलाई और उसी बीयर बॉटल, गाडी में रखे धारदार पेचकस व सेनेटरी पत्थर से वार कर उसकी हत्या कर दी।

शव वहीं छोडकर ब्रेजा कार से भाग गये। दुर्गेश ने पूरी घटना की जानकारी अपनी प्रेमिका व सह आरोपी ललीता यादव को दी। इस तरह उपरोक्त तीनों आरोपियों ने एकराय होकर जघन्य अपराध को अंजाम दिया।

तकनीकी साक्ष्यों से तोड़ी अपराधियों की चुप्पी

संदिग्ध दुर्गेश यादव काफी समय तक पुलिस को गुमराह करता रहा। तकनीकी साक्ष्यों में भी मृतक और आरोपी व्यापार विहार एवं घटनास्थल पर उपस्थित होना पाया गया, जब उपरोक्त साक्ष्य संदिग्धों को दिखाये गये तो यह जानकर की उनका झूठ पकड़ा गया है, वे टूट गए और अपने व साथी मनोज यादव व ललीता यादव द्बारा किये गये उपरोक्त जुर्म कबुल कर लिया।

इनका रहा विशेष योगदान

एसीसीयू प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र वैषणव, निरीक्षक दिनेश चन्द्रा थाना प्रभारी चकरभाठा उप निरीक्षक अजय वारे, जागेश्वर राठीया, प्रधान आरक्षक देवमुन पुहुप, बलबीर सिह, सोमनाथ यादव, रवि सैनिक, आतिश परिक आरक्षक निखील जाघव, सरफराज खान, तरूण केशरवानी, विरेन्द्र गंधर्व, प्रशांत सिह, विकास राम, दीपक यादव, दीपक उपाध्याय, प्रशांत राठौर, सतीश भारद्बाज, सतीश यादव, मिथलेस साहू, राजेश सिह, गौकरण सिन्हा, सतपूरन जांगडे, योगेन्द्र खुंटे, शकुन्तला साहू।