CG ELECTION बिलासपुर विधानसभा: जिसने 5 समाज को साध लिया… उसकी हो जाएगी नइया पार… इसलिए जातिगत समीकरण बिठाने में लगे हैं राजनीतिक दल…

राजनीति में साम-दाम, दंड-भेद और हर तरह के उपाय किए जाते हैं। किसी विधानसभा के लिए यह फैक्टर भी काफी महत्व रखता है कि क्षेत्र में किस जाति या वर्ग के कितने वोटर हैं। इसी आधार पर चुनाव की रणनीति तय होती है।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सारे राजनीतिक दल के साथ ही तय प्रत्याशियों से लेकर टिकट की उम्मीद में बैठे नेताओं को चुनावी सर्दी-जुकाम हो गया है। चुनावी बुखार में मतदाता ही सबसे सर्ती दवा है, जो प्रत्याशियों की सेहत को तंदुरुस्त कर सकते हैं। बिलासपुर विधानसभा में करीब 243862 मतदाता हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक 17 जाति वर्गों में कुल वोटों का आधा हिस्सा मुस्लिम, ब्राह्मण, अनुसूचित जनजाति, सिंधी समाज व पंजाबी समाज के पास है। सबसे अधिक संख्या मुस्लिम व ब्राह्मण समाज की है।

चुनाव में यह भी काफी महत्वपूर्ण होगा कि किस समाज या वर्ग के लोग किस दल को अधिक वोट देते हैं। इस लिहाज से राजनीतिक दल भी मतदाताओं को रिझाने और जातिगत वोटों का गणित बिठाने में लगे हैं। राजनीति में साम-दाम, दंड-भेद और हर तरह के उपाय किए जाते हैं। किसी विधानसभा के लिए यह फैक्टर भी काफी महत्व रखता है कि क्षेत्र में किस जाति या वर्ग के कितने वोटर हैं। इसी आधार पर चुनाव की रणनीति तय होती है। जाति, वर्ग के बीच पैठ बनाने और मतदाताओं को रिझाने के लिए मुद्दे तय होते हैं। समाज का विश्वास जीतकर अपने पक्ष में तैयार करने का प्रयास होता है। बिलासपुर विधानसभा में भी यह समीकरण काफी मायने रखता है। यहां करीब 243862 वोटर हैं। इनमें 11.38 प्रतिशत वोट मुस्लिमों के पास हैं।

जबकि ब्राह्मण समाज के पास करीब 27000 और अजा समाज के पास 24780 वोट हैं। 22442 सिंधी समाज के हैं। इधर 16920 वोट पंजाबी समाज के हैं। यानी कुल वोटों का आधा हिस्सा इन 5 वर्गों के पास है। बाकी वोट अन्य 12 वर्गों के पास है, जिनमें महार, महाराष्ट्रीयन, मराठा, गुजराती, बंगाली, साहू, मारवाड़ी, यादव, क्रिश्चियन आदि शामिल हैं। चुनाव जीतने के लिए हर समाज-वर्ग का समर्थन और वोट जरूरी है। यही वजह है कि राजनीति के विशेषज्ञ जातिगत समीकरणों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इस गुणा-भाग में किसे कितनी सफलता मिलेगी, यह बताना मुश्किल है, लेकिन राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से विभिन्न समाज-वर्गों को रिझाने में लगे हुए हैं। सोशल इंजीनियरिंग के लिए खासकर चार महीने से कवायद जारी थी, जो अब चरम पर है।

जातिगत वोटों का समीकरण

  • मुस्लिम 30000
  • ब्राह्मण 28000
  • अनुसूचित जनजाति 24780
  • सिंधी 22442
  • पंजाबी 16920
  • महार,मराठा,महाराष्ट्रियन 15590
  • बंगाली 12840
  • साहू 11042
  • मारवाड़ी 11920
  • ठाकुर (क्षत्रिय) 10840
  • दक्षिण भारतीय 10440
  • सोनकर 10240
  • यादव 8682
  • क्रिश्चियन 8942
  • श्रीवास 5940
  • जायसवाल 5980
  • आदिवासी 5225
  • शेष अन्य