छत्तीसगढ़: अरपा और इंद्रावती प्राधिकरण में एडजेस्ट किए जाएंगे 6 विधायक… हाउसिंग और मंडी बोर्ड में दो-दो विधायकों को मिलेगी जिम्मेदारी…जानिए किस-किस विधायकों के नाम पर हुई चर्चा…

रायपुर। निगम-मंडल आयोग और प्राधिकरणों की दूसरी सूची में करीब 12 विधायकों को मौका दिया जा रहा है। इसमें ठंडे बस्ते में जा चुके अरपा विकास प्राधिकरण में 3 और इंद्रावती विकास प्राधिकरण में इतने ही विधायक एडजेस्ट किए जाएंगे। हाउसिंग बोर्ड में दो तथा मंडी बोर्ड में दो विधायक को जिम्मेदारी दी जाएगी। शनिवार को दो दौर की बैठक के बाद निगम-मंडल आयोगों और प्राधिकरणों के नामों पर अंतिम सहमति बना ली गई है। द

सीएम हाउस में शनिवार को कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक चली। इस बैठक के बाद यह बात बाहर आई थी कि कुछ नामों को लेकर पेंच फंस गया है और पद की आस लगाए नेताओं को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन देर रात की सीएम भूपेश, प्रदेश प्रभारी पुनिया, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर व पीसीसी चीफ मरकाम के बीच हुई बातचीत के बाद नाम तय कर लिए गए हैं। बताया गया है कि सभी छूटे हुए सभी बड़े निगम-मंडल और आयोगों के नाम को लेकर चर्चा हुई। प्रक्रिया के तहत अब दावेदारों के नामों की सूची पार्टी आलाकमान के पास अप्रुवल के लिए भेजी जाएगी। जहां से हरी झंडी मिलते ही नाम घोषित कर दिए जाएंगे। दरअसल दूसरी सूची को ही अंतिम सूची मानी जा रही है, इसलिए प्रदेशभर के दावेदार इस सूची में अपना नाम देखना चाह रहे हैं। इसमें बस्तर, सरगुजा, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के नेताओं के अलावा राजधानी रायपुर के नेताओं की संख्या भी काफी अधिक है।

बृजमोहन का हमला- कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार, असंतोष चरम पर

भाजपा ने कांग्रेस में चल रही राजनीति पर चुटकी ली है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है। पौने दो साल बाद भी मुख्यमंत्री नियुक्तियां नहीं कर पा रहे हैं। पहली सूची के बाद जो असंतोष शुरू हुआ था। वह अब चरम पर है। वैसे तो कोरोना काल में निगम- मंडलों में नियुक्तियां नहीं की जानी चाहिए थी लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि जितना ज्यादा ये नियुक्तियां करेंगे उतना ज्यादा असंतोष फैलेगा।

प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि पुनिया की अनेकों कवायद के बाद भी प्रदेश कांग्रेस की गुटीय राजनीति के चलते व नेताओं के कुछ नामों पर घोर विरोध के कारण सूची अब लंबे समय के लिए टल गई। उपासने ने कहा हमारी बात सही साबित हुई की अर्थतंत्र के चलते जमीनी कार्यकर्ताओं को अभी जमीन पर ही रहना पड़ेगा। उपासने ने दावे के साथ कहा कि आज की बैठक में स्थानीय नेताओं ने प्रदेश प्रभारी के सामने सूची में फाइनल किये जा रहे कुछ नामों पर घोर आपत्ति दर्ज कराई। यह भी पता चला है कि इन लोगों के द्वारा सीधे दिल्ली में अर्थ तंत्र के प्रभाव से सूची में अपने नामों को फ़ायनल करा लिया था वे पूर्णतः आश्वस्त थे की आज घोषित होने वाली सूची में शतप्रतिशत उनके नाम होंगे ही,परन्तु उनका सारा गणित आज प्रदेश के नेताओं के विरोध के चलते फेल हो गया।

उपासने ने कहा कि निगम आयोग को लेकर कांग्रेस में विस्फोटक स्थिति बनी हुई है। यही कारण है जिन दो हजार कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन में आवेदन दिए आज वे बड़ी मात्रा में पुनिया को लेने एरोड्रम ,फिर राजीव भवन पहुँच गए अंततः पुनिया को मुख्यमंत्री निवास में सुरक्षा घेरे में बैठक लेनी पड़ी। बैठक के बाद जमीनी कार्यकर्ता अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है।