छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने किया निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निरीक्षण… कहा- गुणवत्ता से समझौता किया तो खैर नहीं…
अम्बिकापुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गंगापुर में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज के विभिन्न भवनों का निरीक्षण कर प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों तथा ठेका कंपनी के प्रतिनिधियों से निर्माणाधीन सभी भवनों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और महिला छात्रवास सहित 1 बीएचके आवासों को दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए।
मेडिकल कालेज में पानी एवं विद्युत की व्यवस्था के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। पानी की व्यवस्था के लिए नगर निगम को अमृत मिशन के तहत घुनघुट्टा डेम से आने वाले पानी से व्यवस्थित करने कहा। नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि घुनघुट्टा डेम से आने वाले पाइप लाइन के पानी को महामाया पहाड़ के पास 5 लाख 60 हजार क्षमता के अंडर ग्राउंड टैंक मेडिकल कालेज में सप्लाई के लिए बनाया गया है। वहां से शीघ्र कनेक्शन कर मेडिकल कॉलेज के लिए पानी की व्यवस्था किया जाएगा।
मंत्री सिंहदेव ने परिसर में कांक्रीट सड़क निर्माण की मोटाई को कम से कम 10 इंच करने के निर्देश दिए। उन्होंने ठेका कंपनी के प्रतिनिधियों को लेबर की संख्या में कमी न करने तथा लगातार कार्य जारी रखने कहा। बताया गया कि मेडिकल कालेज निर्माण में करीब 750 लेबर लगे हुए है। अभी त्यौहार के कारण कुछ लोग घर गए है इसलिए संख्या कुछ कम है। सिंहदेव ने मेडिकल कालेज के सामने करीब 7 एकड़ शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए आवश्यक पहल करते हुए पुराने कब्जाधारियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करने कहा। उन्होंने इस जमीन पर निर्मित पटवारी प्रशिक्षण शाला को भी मेडिकल कालेज के सुपुर्द करने के निर्देश दिए।
सिंहदेव ने इसके पश्चात वर्तमान में संचालित मेडिकल कालेज में छात्र छात्रों की व्यवस्था का भी जायजा लिया। उन्होंने पुस्तकालय, संग्रहालय, मेस, लेक्चर हाल का निरीक्षण किया। पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तको तथा पत्रिकाओं की जानकारी ली। बताया गया कि पुस्तकालय में करीब 7 हजार 384 पुस्तक और पत्रिकाएं उपलब्ध है। इस वर्ष मेडिकल कॉलेज में 78 छात्र छात्राओं ने प्रवेश लिया है जिनमे 1 आल इंडिया कोटे से तथा बाकी स्टेट कोटे से है।
इस दौरान मेडिकल कालेज के डीन डॉ. आर मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक डॉ लखन सिंह सहित लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद थे।