BREAKING… बिलासपुर सेंट्रल जेल में बंदी की मौत: परिजन ने पीएम से पहले की तस्वीरें दिखाईं… कहा- बदन की हडिडयां तोड़ीं… गुदाद्वार में डंडा डाला… देखिए तस्वीरें और वीडियो…
Death of a prisoner in Bilaspur Central Jail: The family showed pictures before the PM… said – broke the bones of the body… put a stick in the anus… see photos and videos…
बिलासपुर। कच्ची शराब पकड़ने की आड़ में आबकारी विभाग के आनंद कुमार वर्मा व 15 अन्य कर्मचारियों पर एक ग्रामीण की हत्या का आरोप लगा है। परिजनों का कहना है कि घर में शराब नहीं मिलने के बाद भी युवक को पीटते हुए आबकारी अमला अपने साथ ले गया। रास्तेभर उसे जानवरों की तरह डंडे से मारा गया। यही नहीं, उसके गुदाद्वार में डंडा डाला गया है। ये सब निशान पोस्टमार्टम से पहले ली गई तस्वीरों में दिखाई दे रहे हैं।
पचपेड़ी थाना क्षेत्र के चिल्हाटी निवासी छोटेलाल यादव पिता चैनूराम यादव (33) को बीते 10 मई को आबकारी विभाग ने 20 लीटर कच्ची शराब बेचने का आरोप लगाते हुए जेल भेजा था। बीते 15 मई को हालत खराब होने पर उसे सिम्स रेफर किया गया। सिम्स से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल जेल से उसे मृत हालत में सिम्स लाया गया था।
छोटेलाल के बड़े भाई दिलहरण यादव ने www.aajkal.info को पोस्टमार्टम से पहले की तस्वीरें उपलब्ध कराई हैं। अधिकांश तस्वीरें विभत्स हैं, जिसे प्रकाशित करना उचित नहीं है। इसलिए कुछ तस्वीरें प्रकाशित की जा रही हैं। तस्वीरों को देखकर पता चलता है कि छोटेलाल को घर से सेंट्रल जेल में बिताए गए समय के बीच जमकर पीटा गया है। उसकी ऊंगलियों में फफोले दिखाई दे रहे हैं। शरीर में ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जहां मारपीट के चोट के निशान न हो। शर्मनाक बात यह है कि उसके गुदाद्वार में डंडे को डाला गया है।
कूल्हे के कटने के निशान हैं। बड़े भाई दिलहरण यादव का आरोप है कि आबकारी विभाग के आनंदकुमार वर्मा और 15 सिपाहियों ने छोटेलाल को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। बहरहाल, मामले की दंडाधिकारी जांच की जा रही है।
क्या है मामला
पचपेड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम चिल्हाटी निवासी दिलहरण यादव पिता चैनूराम यादव (44) ने बताया कि बीते 10 मई को जिला आबकारी विभाग के आनंद कुमार वर्मा करीब 15 सिपाहियों को लेकर उसके घर पहुंचा। बिना पूछताछ किए घर की तलाशी शुरू कर दी। शराब नहीं मिलने पर आबकारी अधिकारी वर्मा उसके छोटे भाई छोटेलाल यादव के घर पहुंचा और जबर्दस्ती तलाशी लेने लगे।
पूछताछ करने पर छोटे लाल की पत्नी से गाली-गलौज की गई। छोटेलाल के घर में भी शराब नहीं मिली। फिर भी आबकारी अमला छोटेलाल को पकड़कर अपने साथ ले गया। उसने आरोप लगाते हुए बताया कि आबकारी विभाग ने कहीं से 20 लीटर कच्ची शराब लाकर उसके भाई छोटेलाल यादव को झूठे केस में फंसाया और जेल भेज दिया।
सहायक आयुक्त और जेलर कह रहे- मारपीट नहीं हुई, सवाल यह कि चोट का निशान कहां से आया
बंदी की मौत के बाद पोस्टमार्टम से पहले परिजनों ने सिम्स में जमकर हंगामा मचाया था। वे आबकारी अमले पर एफआईआर की मांग कर रहे थे। मामले में सहायक आयुक्त आबकारी नीतू नोतानी ने मीडिया को बयान दिया है कि उसके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं हुई है। एमएलसी कराने के बाद उसे जेल भेजा गया था। उस समय उसके शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं थे।
इधर, जेल अधीक्षक एसएस तिग्गा का कहना है कि जेल में बंदी छोटेलाल के साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की गई है। अब सवाल यह उठता है कि छोटेलाल के पूरे शरीर पर मारपीट से चोट के निशान कहां से आए हैं।