स्थापना दिवस: कैसे मिला राज्य को छत्तीसगढ़ का नाम… 300 साल पहले हुआ था ये…

1 नवंबर, 2000 यानी 19 साल पहले आज ही के दिन मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया था। पौराणिक नाम की बता की जाए तो इसका नाम कौशल राज्य (भगवान श्रीराम की ननिहाल) है। गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान लगभग 300 साल पहले इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ रखा। आखिर ऐसा क्यों हुआ, छिपी है एक दिलचस्प कहानी। पढ़ते हैं आगे…
वैसे तो अनेक कहानियां छत्तीसगढ़ के नाम पर प्रचलित हैं। पर असल कारण था गोंड राजाओं के 36 किले। जी हां, इन 36 किलों को गढ़ भी कहा जाता है। इन्हीं के कारण इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।
36 किलों का रहस्य-
सूत्रों के अनुसार ज्यादातर इतिहासकारों का मानना है कि कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए गए थे। इस इलाके को कोसल या दक्षिण कोसल के तौर पर जाना जाता था। ये उस समय की बात है जब रामायण काल से सत्रहवीं शताब्दी का दौर चल रहा था। ध्यान देने वाली बात ये है कि राजाओं के समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास स्थित शहर रतनपुर, कल्चुरी हुआ करती थी।
18-18 गढ़ उत्तर और दक्षिण में बनाए गए-
बता दें कि 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के अंतर्गत 18 गढ़ बनाए थे। ये गढ़ शिवनाथ नदी के उत्तर में कल्चुरियों की रतनपुर शाखा के अंतर्गत बनाए गए थे।