कोरबा: हायरसेकेंडरी स्कूल तुमान के प्राचार्य का बड़ा कारनामा… प्रैक्टिकल परीक्षा में गैरहाजिर 12वीं के चार छात्रों को कर दिया पास… संयुक्त संचालक तक पहुंचा मामला… एक-एक लाख रुपए लेने का गंभीर आरोप…

कोरबा। करतला ब्लॉक स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमान के प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल पर गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि प्राचार्य पटेल ने प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित 12वीं के चार छात्रों को पास कर दिया है। इसके एवज में प्रत्येक छात्र से एक-एक लाख रुपए लिए गए हैं। इस मामले की शिकायत शिक्षा संभाग बिलासपुर के संयुक्त संचालक तक पहुंच गई है।

12 मई 2020 को संयुक्त संचालक को भेजे गए शिकायत पत्र के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमान में प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल बीते 12 साल से पदस्थ हैं। उनका रसूख इतना है कि इतने सालों में उनका एक बार भी ट्रांसफर नहीं हुआ। शिकायत के अनुसार चार छात्र इस स्कूल के नियमित स्टूडेंट हैं। इन छात्रों का चयन अग्रगमन कोचिंग सेंट सह शिक्षा केंद्र में हुआ है। इसलिए ये अग्रगमन सेंटर में ही पीईटी/पीएमटी की कोचिंग कर रहे हैं।

जनवरी 2020 में स्कूल में 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई थी, जिसमें ये छात्र शामिल नहीं हुए। परीक्षा निरीक्षक ने इन छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं में अबसेंट (अनुपस्थित) रहने का टीप लिखा है। इसके बाद भी प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुपस्थित छात्रों को प्रैक्टिकल अंक दे दिया है।

शिकायतकर्ता का कहना है कि छात्रों की उपस्थिति पंजी, प्रायोगिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं और 5 जनवरी 2020 को माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजे गए प्रतिवेदन की जांच की जाए तो यह प्रमाणित हो जाएगा कि बिना परीक्षा दिलाए ही छात्रों को प्रैक्टिकल अंक दिए गए हैं।

प्राचार्य बोले- डीईओ सर के निर्देशानुसार दिए गए हैं अंक

इस मामले में पक्ष जानने के लिए प्राचार्य पुरुषोत्तम पटेल को वाट्सएप में शिकायत पत्र की कॉपी भेजी गई। उन्होंन वाट्सएप में ही लिखित में अपना पक्ष रखा है। पेश है उनके द्वारा भेजा गया जवाब:-

“झूठी शिकायत है। जिन बच्चों के नाम से है वे अग्रगमन सेन्टर में पढ़ रहे हैं और उनकी एनुअल प्रैक्टिकल पूरे जिलेभर के चयनित बच्चों का वहीं हुआ है। डीईओ सर के निर्देशानुसार और उनके द्वारा नियमानुसार सेट अंक ही बच्चों को दिया गया है।  उनकी परीक्षा विद्यालय के बच्चों का जिस डेट में प्रैक्टिकल हुआ, उससे अलग डेट में आईटी कॉलेज में हुआ है। ये सब प्रैक्टिकल इंटरनल टीचर्स का साजिश है। वे चाहते हैं कि येन केन प्रकारेण प्राचार्य का ट्रांसफर हो जाए। फिर अपने ढंग से उन्हें ड्यूटी करने की छूट मिल जाएगी। अग्रगमन में बच्चों के प्रैक्टिकल आंसर कॉपी और समस्त रिकॉर्ड सुरक्षित रखे हैं। वक्त आने पर प्रस्तुत किया जाएगा।”

अगले अंक में पढ़िए: प्राचार्य ने खुद ही भेजा अबसेंट होने का प्रतिवेदन और दूसरे दिन भेज दिया प्रैक्टिकल अंक।