छत्तीसगढ़: SOR को समय सीमा में पूर्ण करने वाले अधीक्षण अभियंता आलोक अग्रवाल समेत कई अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया… अब इस काम में होगी सहूलियत…

Many engineers including Alok Agarwal, the superintending engineer who completed the SOR within the time limit, were honored with a certificate and a memento... Now there will be convenience in this work...

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन, जल संसाधन विभाग के अंतर्गत सर्वेक्षण, अनुरक्षण एवं निर्माण कार्यों के लिए दर अनुसूची का विमोचन माननीय श्री केदार कश्यप जी मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा आज दिनांक 30.04.2025 को उनकी गरिमामय उपस्थित में किया गया, जिसमें श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, सचिव, छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग, श्री इंद्रजीत उइके, प्रमुख अभियंता, समस्त मुख्य अभियंता, आलोक अग्रवाल अधीक्षण अभियंता एवं इस कार्य से संलग्न अभियंतागण प्रमुख रूप से उपस्थित थे। दर अनुसूची दिनांक 01 मई 2025 से प्रभावशील होगी।


विदित हो कि 01 नवम्बर 2000 में मध्यप्रदेश से पृथक होकर, छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के समय से सिंचाई से संबंधित कार्यों में गति आई है, नई योजनाओं एवं पूर्व निर्मित संरचनाओं का नवीनीकरण कार्य, सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग कार्य, नदी नालों में स्टॉपडेम, एनीकट निर्माण के लिए विभाग में प्रचलित दर अनुसूची को स्थानीय बाजार दर के अनुपात में गणना कर नवीन दर अनुसूची का प्रकाशन किया गया है।

 

दिनांक 01 अगस्त 2010 से जारी पूर्व एसओआर में, मिट्टी कार्य, कांक्रीट कार्य, परिवहन जैसे कार्याे के लिये, पृथक-पृथक कुल 44 अध्याय लिये गये थे। विगत 15 वर्षों में निर्माण कार्यों में श्रमिकों के भुगतान दर, निर्माण कार्य के उपयोग में आने वाली सामग्री दर, कार्य की नई तकनीक एवं मशीनरी के दरों में व्यापक परिवर्तन हुआ है। इसीलिये इसे बदलना आवश्यक था क्योंकि इसमें कई चीजें बदल गई, कास्ट ऑफ कंस्ट्रक्शन में भी बदलाव हुआ है। इसी आधार पर कार्य प्रकृति के आधार पर नई दर अनुसूची में बांध निर्माण, नहर निर्माण एवं पक्के संरचनाओं के निर्माण के लिए पृथक अध्याय में सभी आइटमों को एक साथ संकलित किया गया है। इसी प्रकार पाईप डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क इत्यादि से सिंचाई कार्य के लिए अलग अध्याय है एवं टनल, मटेरियल टेस्टिंग, गेट लगाने का कार्य तथा रख-रखाव कार्य को संकलित कर कुल 11 अध्यायों में नवीन दर अनुसूची को तैयार किया गया है।

 

निर्माण प्रौद्योगिकी में प्रगति, श्रमिकों की बढ़ती मजदूरी, सामग्री की लागत और मशीनरी और उपकरणों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, दरों की अनुसूची में संशोधन की लंबे समय से आवश्यकता थी। सटीकता और व्यापकता बढ़ाने के लिए, यह संशोधित एस.ओ.आर. 1 मई 2025 से प्रभावी होगा।

संशोधित एस.ओ.आर. 2025 की मुख्य विशेषताएं

1. दरों की अनुसूची मानक डेटा इकाई विश्लेषण पद्धति का उपयोग करके विकसित की गई है, जिसका मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में केंद्र और राज्य सरकार के निर्माण विभागों द्वारा समान रूप से पालन किया जाता है।
2. वस्तुओं का दर विश्लेषण छत्तीसगढ़ में माल और सेवा कर को छोड़कर सामग्री के लिए औसत बाजार दरों पर किया गया है।
3. दर विश्लेषण में सामग्री, श्रम, मशीन और उपकरण किराया शुल्क, ईंधन शुल्क, चालक दल शुल्क और ठेकेदार का लाभ, ओवरहेड शुल्क, विविध और श्रम उपकर प्रतिशत के आधार पर शामिल हैं ।
4. सामग्री, कारीगरी और मात्रा के विनिर्देश भारतीय मानकों (आईएस कोड) के अनुरूप हैं, साथ ही छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश, परिपत्र के परिपालन करना सुनिश्चित किया गया है।
5. संशोधित एस.ओ.आर. में उद्योग की प्रगति को दर्शाने के लिए आधुनिक निर्माण तकनीक को शामिल किया गया है।
6. पूर्व के एस.ओ.आर. में आयटम की पृथक-पृथक गणना कर आयटम को क्लब कर टेंडर लगाया जाता था, यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती थी। वर्तमान दर अनुसूची में अधिकांश वस्तुओं को क्लबिंग की आवश्यकता के बिना सीधे मात्रा के बिल (बीओक्यू) में उपयोग किया जा सकता है।
7. जिन कार्यों को अन्य विभाग के एस.ओ.आर. से लिया जाना है, जैसे – भवन निर्माण, सड़क निर्माण, नलकूप खनन और पाईप लाईन, से सम्बंधित कार्याें के लिये, क्रमशः छत्तीसगढ़ शासन के अन्य निर्माण विभागों लोक निर्माण विभाग भ/स, एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रचलित दर अनुसूची से कार्य संपादन किया जाना प्रस्तावित है, जिससे निर्माण कार्य में अन्य विभाग के एस.ओ.आर. दर में भिन्नता न हो।
8. वर्तमान में जल संसाधन विभाग द्वारा नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट में रियल टाईम डाटा एवं एक्विजिशन सिस्टम के अर्न्तगत राज्य में स्वचलित 135 स्वचलित रेनगेज, 67 आटोमेटिक वाटर लेवल रिकार्डर, 6 मौसम केन्द्र, 6 इवोपरेशन पैन, 15 और 5 बांध/बैराज में गेट संेसर लगाए गये हैं। भविष्य में शेष जलाशयों एवं नदियों में RTDAS का कार्य किया जाना है अतः उपकरणों की प्रदाय, इंस्टालेशन एवं संचालन संधारण को नये दर अनुसूची में शामिल किये जाने से राज्य भर में प्राक्कलन में एकरूपता आयेगी। इससे पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
9. अभी राज्य मंे लगभग 100 स्वचलित रेनगेज लगाने का प्रस्ताव है, इससे यह राष्ट्र मानक के रूप में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मानदंडों को पूरा करेगा और छत्तीसगढ़ राज्य के सूक्ष्म जलवायु, बाढ़ की पूर्व चेतावनी आदि में सहयोगी होगा।
10. राज्य में 24 बांधों पर सेडिमेंटेशन सर्वेक्षण का कार्य किया गया है एवं 14 अन्य बांधों का सेडिमेंटेशन सर्वेक्षण का कार्य प्रस्तावित है। एस.ओ.आर. में शामिल बेथिमेट्रिक सर्वेक्षण द्वारा किया जाना है। सर्वेक्षण द्वारा बांधों की वर्तमान जल क्षमता का अनुमान लगाया जाता है। जिससे जल प्रबंधन में सहायता प्राप्त होती है, जो कि देश का वाटर विजन @2047 में जल भागीदारी हेतु सहयोगी होगा।
11. राज्य सरकार ने, जल संसाधन विभाग में, वर्ष 2010 से जारी पूर्व एस.ओ.आर. को बदलने का काम किया है, इस बदलाव से प्रदेश के ठेकेदारों के वित्तीय जोखिम में कमी आयेगी और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना होगी।
12. नवीन एस.ओ.आर. मे सर्वे ऑफ इंडिया की गाइडलाइन का पालन करते हुए जिओटेकनीक पद्धति से करने का प्रावधान रखा गया है।
13. जियोफिजिकल एवं हाइड्रोजियोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन जिसे जिओटेकनीकल एक्सपर्ट के द्वारा, जियो टैगिंग सहित भूमि सतह से 20 मीटर नीचे बांध के चारों ओर की सतह की गणना की जा सकती है इस विशेष तकनीक का प्रावधान इस एस.ओ.आर. में रखा गया है।
14. भूमि सतह से ऊपर का अवलोकन करने के लिए आधुनिक लिडार फोटोग्रामेट्री सर्वे का प्रावधान किया गया है।
15. जल की गुणवत्ता जांच का कार्य, सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण, डी.पी.आर. बनाने का कार्य भी सम्मिलित है।

श्री केदार कश्यप जी, माननीय मंत्री जल संसाधन एवं श्री राजेश सुकुमार टोप्पो सचिव जल संसाधन विभाग श्री इंद्रजीत उइके द्वारा समय सीमा में नवीन दर अनुसूची तैयार करने उत्कृष्ट कार्य के लिए श्री आलोक अग्रवाल अधीक्षण अभियंता(बोधी) संजय पाठक आई ए सिद्दीकी सतीश सराफ विजय खरे ललित राउते शशांक सिंह सुश्री कलश रामटेके सहित अन्य अभियंताओं को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया ।
पुनरीक्षित दर अनुसूची 2025 के लागू हो जाने से वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभागीय बजट में शामिल नवीन कार्यों की स्वीकृति तथा निर्माण में गति मिलेगी।