नगर निगम ने होटल पंचवटी इन सील किया… स्वीकृत नक्शा के विपरीत निर्माण करने पर की गई करवाई…

बिलासपुर। नगर निगम भवन शाखा के अधिकारियों ने स्वीकृत नक्शा के विपरीत पार्किंग की जमीन में अतिरिक्त निर्माण, अग्नि दुर्घटना से निपटने उपाय नही करने तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नही करने पर तारबाहर थाना के बाजू में स्थित होटल पंचवटी इन के भवन को सील किया है। निगम की यह पहली बडी करवाई है।

उल्लेखनीय है कि लिंक रोड निवासी गोपाल कृष्ण सिंघल, श्रीमती राधा देवी सिंघल व रघुवर दयाल सिंघल ने तारबाहर थाना के बाजू में स्थित अपनी भूमि में होटल व्यवसाय करने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के नियम के तहत भवन निर्माण हेतु नक्शा पास कराया था। उक्त भवन का निर्माण स्वीकृत नक्शा के विपरीत किया गया। पार्किंग के लिए सुरक्षित जमीन में अतिरिक्त निर्माण किया गया। इसके अलावा अग्नि दुर्घटना रोकने अग्निशमन यंत्र नही लगया गया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग नही लगया। इस संबंध में नगर निगम में शिकायत की गई। निगम ने जांच में शिकायत को सही पाया। इसके बाद निगम ने नोटिस जारी कर नियम विरुद्ध निर्माण करने पर जवाब मांगा था। भवन स्वामी गोपाल कृष्ण सिंघल व अन्य के जवाब से अशांतुष्ट होने पर निगम ने 2010 में भवन स्वामी पर भारी जुर्माना लगाया है। 10 साल बाद भी जुर्माना राशि का भुगतान नही किया गया। इसी बीच भवन स्वामी ने होटल पंचवटी इन को होटल व्यवसायी श्रेय चौकसे को किराया में दे दिया। किरायदार श्रेय चौकसे उक्त भवन में रसोई इन होटल का संचालन कर रहा था। नगर निगम ने जुर्माना राशि जमा करने नोटिस जारी किया। भवन मालिक सिंघल ने नोटिस लेने से इंकार कर दिया। इस पर निगम ने जान माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किरायदार होटल रसोई इन के संचालक श्रेय चौकसे को यहाँ होटल नही चलाने नोटिस जारी कर भवन सील करने की करवाई की है।

इस संबंध में निगम के सहायक भवन अधिकारी सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध पार्किंग के जमीन में अतिरिक्त निर्माण किया गया। इतने बड़े भवन में अग्नि दुर्घटना रोकने कोई प्रबंध नही किया गया है। इसी प्रकार बार बार नोटिस देने के बाद भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नही लगाया गया। इसके अलावा जांच में और भी अनियमितता पाई गई। जानबूझ कर जुर्माना राशि का भुगतान नही करने तथा कमियों को दूर नही किये जाने पर मंगवार की दोपहर को गवाहों की उपस्थिति वीडियो ग्राफी करने के साथ भवन का नाप जोक कर करने की करवाई की गई है।

वर्तमान में भवन को कराया में दिए जाने के कारण किरायदार श्रेय चौकसे की उपस्थिति में सम्पूर्ण कार्रवाई की गई है। किसी अवैध निर्माण के खिलाफ नगर निगम की यह पहली बड़ी कार्रवाई है।