नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को अगले माह मिल सकती हैं बड़ी सौगाते… मेयर और पार्षद निधि और मानदेय में बढ़ोतरी के आसार… 11 व 12 अप्रैल को इंडोर स्टेडियम में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का होगा सम्मेलन…

People's representatives of urban bodies can get big gifts next month... Mayor and councilor funds and honorarium are expected to increase... On April 11 and 12, there will be a conference of public representatives of urban bodies at Indoor Stadium

 

बिलासपुर। प्रदेश सरकार नगरीय निकायों को अगले माह बड़ी सौगातें दे सकती हैं। संभवत: इसकी घोषणा अगले माह रायपुर में प्रस्तावित नगरीय निकायों के सम्मेलन में हो सकती है। सत्ता पक्ष से जुड़े सूत्रों की मानें तो सम्मेलन में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों की निधि और मानदेय में बढ़ोतरी हो सकती है। शासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है।

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने हाल में अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया है। बजट में इस बार नगरीय निकायों के लिए कोई बड़ा प्रावधान नहीं किया गया है। यही नहीं, नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के मानदेय और निधि के बारे में भी कोई चर्चा नहीं की गई, जबकि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। इससे नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों में असंतोष व्याप्त है।

इसकी जानकारी सरकार को भी है। अलबत्ता, नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को संतुष्ट करने के लिए मानदेय और निधि में बढ़ोतरी करने का विचार किया जा रहा है। यहां यह बताना लाजिमी है कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों ने कुछ माह पहले मेयर इन कौसिंल में मेयर और पार्षदों की निधि और मानदेय में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास किया था। इस प्रस्ताव को शासन को भेज दिया गया है।

बजट में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को निधि और मानदेय बढ़ने की घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर के नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों ने बीते दिनों सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सीएम से नगर विकास को लेकर चर्चा की थी। जनप्रतिनिधियों ने मानदेय और निधि नहीं बढ़ाने को लेकर असंतोष जाहिर किया था। सूत्रों की मानें तो सीएम बघेल ने जल्द ही उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है।

नगर विकास के लिए सरकार ने दी है बड़ी छूट

कांग्रेस सरकार आने के बाद नगरीय निकायों को खुद के पैरों में खड़े होने का बड़ा अवसर दिया गया है। सरकार ने नगरीय निकायों में बेकार पड़ी संपत्तियों को बेचने के अलावा वहां पर कांपलेक्स और दुकानें बनाकर बेचने की छूट दी है। यही वजह है कि सरकार ने इस बार बजट में नगरीय निकायों के विकास के लिए कोई बड़े फंड का प्रावधान नहीं किया है।

सरकार की मंशा है कि नगर सरकार कब तक सरकार की ओर झोली फैलाते रहेगी। वह अपने यहां की संपत्ति का सदुपयोग कर खुद के पैरों पर खड़ा हो सकता है। इसी के तहत नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्थित संपत्तियों को बेचने और कांपलेक्स बनाने का प्लान तैयार किया गया है।

11 व 12 अप्रैल को 167 नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि जुटेंगे

11 व 12 अप्रैल को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में प्रदेशभर के नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें प्रदेशभर के 167 नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। सम्मलेन में सीएम बघेल को भी आमंत्रित किया जा रहा है। सम्मलेन में नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधि सीएम बघेल से नगर विकास को लेकर चर्चा करेंगे। तीन साल के कार्यकाल के दौरान हुए विकास कार्य का ब्योरा पेश करेंगे।

हर बजट में सबके लिए प्रावधान किया जाए, यह संभव नहीं है। बजट में सरकार ने नगरीय निकायों के लिए कोई घोषणा नहीं की है, इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार ने नगरीय निकायों की उपेक्षा की है। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने नगरीय निकायों को अपनी संपत्तियों को बेचने या फिर परिसंपत्ति बनाने की जो छूट दी है, वह पर्याप्त है। एक तरह से सरकार ने अब नगरीय निकायों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए संपत्ति का हिस्सा दे दिया है। इसी हिस्से का सदुपयोगकर नगरीय निकाय अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं। 11 व 12 अप्रैल को प्रस्तावित सम्मेलन में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को आमंत्रित किया जा रहा है।

एजाज ढेबर, अध्यक्ष, मेयर संघ छत्तीसगढ़