विश्व रक्तदाता दिवस: छत्तीसगढ़: ऐसा कमाल तो स्वास्थ्य विभाग ही कर सकता है… जिन्होंने 30 से 70 बार खून दिया, उनके बजाय सिम्स के कर्मचारी को दिला दिया राज्यपाल से पुरस्कार… जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार…
World Blood Donor Day: Chhattisgarh: Only the health department can do such an amazing thing... who gave blood 30 to 70 times, instead of them, the employees of sims got a reward from the governor...
बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग जो भी कर ले, कम ही है। विभाग में गड़बड़ी, घोटाला तो सामान्य बात है। अब एक और घोटाला और अमानवीय कृत्य सामने आया है। विश्व रक्तदाता दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने उन शख्सों को भुला दिया है, जिन्होंने 70, 52, 47, 35 बार से अधिक खून दिया है। विभाग ने वाहवाही लूटने के लिए सिम्स के एक कर्मचारी को राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत करा दिया, जिसने 27 बार ही रक्तदान किया है।
14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर रायपुर स्थित गवर्नर ऑफिस से प्रदेशभर के सभी जिलों में सर्वाधिक रक्तदान करने वाले रक्तदाता को सम्मानित किया गया। वहां से बिलासपुर के स्वास्थ्य विभाग को भी जिले में सर्वाधिक रक्तदान करने वाले रक्तदाता की जानकारी मांगी गई थी, जिसका सम्मान गवर्नर अनुसुइया उइके के हाथों करने की जानकारी दी गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने खुद रक्तदाता न खोजकर सिम्स के ब्लड बैंक को एक पत्र जारी कर दिया।
सिम्स के ब्लड बैंक प्रभारी ने भी अपने यहां के सर्वाधिक रक्तदान करने वाले सरकंडा निवासी विजय कुमार पैकरा (45) का नाम भ्ोजा, जिसने 27 बार ही रक्तदान किया है। वह सिम्स का कर्मचारी भी है। जबकि जिले के किशोर नागदेव अब तक 70 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। 30 से अधिक बार रक्तदान करने वाले हमारे जिले में 15 से अधिक रक्तदाता हैं, लेकिन इनको खोजने में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने रुचि नहीं ली और सिम्स के ब्लड बैंक के भरोसे बैठे रहे।
जज्बा के पास सर्वाधिक एक्टिव सदस्य, 15000 यूनिट करा चुके हैं दान
जिले में बात की जाए तो रक्तदान के लिए जज्बा सबसे बड़ी संस्था है, जिसकी शुरुआत 2०13 में संजय मतलानी ने की। इस संस्था के पास 1000 से अधिक एक्टिव सदस्य हैं। जिन्होंने लॉकडाउन में भी रक्तदान किया है। इसके संस्थापक संजय मतलानी खुद 52 बार रक्तदान कर चुके हैं।
9 वर्ष में 120 से अधिक रक्तदान शिविर लगातार अब तक 15000 यूनिट रक्त जरूरतमंदों को उपलब्ध करा चुके हैं। जिसका पूरा रिकार्ड भी मेंटेंन किया गया है। इसके अलावा इनके ग्रुप में ही 10 से अधिक सदस्य हैं, जो साल में 4 बार रक्तदान करते हैं। अब तक 30 से अधिक रक्तदान भी कर चुके हैं। साथ ही थ्ौलासीमिया के 145 बच्चों को गोद लेकर उन्हें माह, दो माह में रक्त उपलब्ध करा रहे हैं।
शिविर वालों को रक्तदाता नहीं मान रहे अफसर
जिले में सिम्स के अलावा जिला अस्पताल, अपोलो, बिलासा, एकता, राजधानी, हंसवाहनी, श्री राम ब्लड बैंक, आशीर्वाद और बालाजी सहित 11 ब्लड बैंक हैं। लेकिन गवर्नर ऑफिस में कार्यक्रम के दौरान सर्वाधिक रक्तदान करने वाले व्यक्ति को खोजने के लिए केवल सिम्स ब्लड बैंक को ही स्वास्थ्य विभाग के रेडक्रॉस के सौरभ सक्सेना ने पत्र लिखा। श्ोष किसी भी ब्लड बैंक से जानकारी नहीं ली गई। सर्वाधिक रक्तदान करने वाले को किस आधार पर चयनित करने के सवाल पर सक्सेना ने कहा कि रक्तदान का प्रमाण पत्र आधार है। यदि किसी ने 70 बार किया भी होगा तो वो शिविर में किया होगा। उसके पास प्रमाण-पत्र नहीं होगा।
सिम्स को लिखा गया था पत्र
गवर्नर ऑफिस से पत्र आया था कि जिले में सर्वाधिक रक्तदान करने वाले को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए सिम्स को पत्र लिखा गया था, जहां से 27 बार रक्तदान करने वाले का नाम रायपुर भ्ोज दिया गया। प्रमाण-पत्र के आधार पर चयन किया गया है, क्योंकि मामला गवर्नर ऑफिस का था। इसलिए सिम्स को ही पत्र लिखकर उनसे ही रक्तदाता का नाम मांगा गया।
– सौरभ सक्सेना, रेडक्रास सोसाइटी
रेडक्रास को दी गई थी जिम्मेदारी
सर्वाधिक रक्तदान करने वाले को सम्मानित करने शासन स्तर से जानकारी मांगी गई थी। रेडक्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों को इस काम की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हीं के द्बारा रक्तदाता का चयन किया गया और जानकारी रायपुर भ्ोजी गई।
-डॉ. प्रमोद महाजन, सीएमएचओ बिलासपुर