अपोलो प्रबंधन को पीएम मोदी की योजना से सरोकार नहीं… भड़के विधायक सुशांत… बोले- हमारी जमीन खाली करो…
बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशांत शुक्ला को जब इस स्थिति की जानकारी मिली, तो वे गुस्से में अपोलो अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन से दो टूक कहा कि जब शासकीय योजनाएं इस अस्पताल में लागू नहीं हो सकतीं और यहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल सकता, तो शासकीय जमीन पर बने इस अस्पताल को खाली कर देना चाहिए।
बिलासपुर। अपोलो अस्पताल ने भारत सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत को लेने से इनकार कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उनके पास इस योजना के तहत मरीजों का इलाज करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, और यह योजना अपोलो अस्पताल की वास्तविक लागतों को कवर नहीं करती। उनका यह भी मानना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलने वाली धनराशि अस्पताल द्बारा प्रदान की जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल को कवर करने के लिए अपर्याप्त है।
इस मुद्दे पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी बताया था कि अपोलो अस्पताल में सामान्य बेड की सुविधा नहीं है, और यहां ब्रांडेड दवाओं से इलाज किया जाता है, जबकि आयुष्मान योजना में मरीजों का इलाज जनरल बेड पर और जेनरिक दवाओं से करना होता है। इसके कारण अपोलो अस्पताल आयुष्मान भारत के पैकेज के तहत मरीजों का इलाज करने में सक्षम नहीं है।
सीएमएचओ कार्यालय से यह जानकारी मिली है कि कोई भी अस्पताल आयुष्मान योजना को लागू करने के लिए बाध्य नहीं है। दरअसल, इससे पहले सीएमएचओ कार्यालय की आयुष्मान टीम अपोलो अस्पताल गई थी और वहां अस्पताल प्रबंधन को आयुष्मान योजना से जुड़ने का प्रस्ताव दिया था ताकि आम जनता को अस्पताल की उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं मिल सकें।
हालांकि, अपोलो प्रबंधन ने इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए समय मांगा था। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वे एसईसीएल (साउथ ईस्टनã कोलफील्ड्स लिमिटेड) के लिए प्रतिबद्ध हैं और अगर आयुष्मान योजना से जुड़ते हैं तो आम पब्लिक का दबाव बढ़ जाएगा, जिससे अस्पताल में मरीजों की भीड़ हो सकती है। इस स्थिति में उनके पास इतने बेड और संसाधन नहीं हैं कि वे सभी मरीजों को कवर कर सकें।
बेलतरा विधायक की नाराजगी और चेतावनी
संभाग के सबसे बड़े मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल अपोलो में आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं किया जा रहा है। खासकर डायलिसिस जैसी अत्यावश्यक सेवाओं से इलाज बंद कर दिया गया है, जिसके कारण गंभीर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशांत शुक्ला को जब इस स्थिति की जानकारी मिली, तो वे गुस्से में अपोलो अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन से दो टूक कहा कि जब शासकीय योजनाएं इस अस्पताल में लागू नहीं हो सकतीं और यहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल सकता, तो शासकीय जमीन पर बने इस अस्पताल को खाली कर देना चाहिए। विधायक की नाराजगी को देखते हुए अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने डायलिसिस सेवा को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। अपोलो अस्पताल बेलतरा विधानसभा के लिगियाडीह गांव में स्थित है और यह शासकीय भूमि पर लीज लेकर चल रहा है। विधायक ने यह भी कहा कि अगर अस्पताल शासकीय योजनाओं से जुड़ने में असमर्थ है, तो शासकीय भूमि का उपयोग करने का कोई औचित्य नहीं है।
आयुष्मान से इलाज बंद करने का कारण
अपोलो प्रबंधन ने बताया कि 2019 से आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज का फंड अभी तक उन्हें नहीं मिला है, जिसके कारण आगे इलाज जारी रखना संभव नहीं है। इस पर विधायक सुशांत शुक्ला ने सवाल उठाया कि अपोलो ने प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले के सांसद अब उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं और केंद्रीय मंत्री भी यहीं से हैं, फिर भी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में पहल क्यों नहीं की। विधायक ने कहा कि अगर प्रशासन से समय रहते संपर्क किया गया होता, तो वह सही प्रयास कर सकते थे और मरीजों को कोई असुविधा नहीं होती।
शासकीय जमीन खाली करने की चेतावनी
विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि अपोलो अस्पताल शासकीय भूमि पर स्थित है और इसे शासन के नियमों के तहत ही चलाया जा सकता है, न कि अपोलो के अपने नियमों के आधार पर। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अस्पताल शासकीय योजनाओं को लागू नहीं करता, तो अस्पताल को शासकीय भूमि छोड़ देनी चाहिए।
विधायक ने यह भी कहा कि अपोलो अस्पताल को जनप्रतिनिधियों से संवाद करना चाहिए और अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराना चाहिए, ताकि वे अपनी पूरी मदद कर सकें। विधायक ने स्पष्ट किया कि यदि शासकीय योजनाओं का लाभ यहां की जनता को नहीं मिल सकता, तो वह प्रशासन से अपील करेंगे कि वे अपोलो अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करें और अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे।
कलेक्टर ने दिए डायलिसिस शुरू करने के निर्देश
बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने इस मामले का संज्ञान लिया और अपोलो अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि वे तुरंत आयुष्मान योजना के तहत डायलिसिस सेवा फिर से शुरू करें। कलेक्टर ने कहा कि डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण सेवा कभी भी बंद नहीं की जा सकती और आयुष्मान योजना के तहत डायलिसिस बंद करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे पर कलेक्टर की त्वरित कार्रवाई ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन को एक बार फिर से योजना के तहत सेवाएं बहाल करने का दबाव डाला है।