बिलासपुर: रतनपुर तहसील अंतर्गत 6.51 एकड़ सरकारी जमीन को ड्रीमलैंड स्कूल प्रबंधन ने कराई रजिस्ट्री… फीस घोटाले के पैसे से बनाया जा रहा रिसॉर्ट… पार्ट-1

दिलचस्प यह है कि अपने आप को पाक साफ बताने वाला ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन यहां पर रिसॉर्ट बना रहा है, वो भी उस घोटाले की राशि से, जिसे स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी जांच में उजागर किया है।

बिलासपुर Bilaspur News। ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल सरकंडा प्रबंधन के एक और बड़े कारनामे का खुलासा हुआ है। दस्तावेज बताता है कि ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल की संस्थापक ने खुद के नाम पर जिले की रतनपुर तहसील अंतर्गत 6.51 एकड़ सरकारी जमीन को रजिस्ट्री कराई। आज वह जमीन ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन परिवार के चार सदस्यों के नाम पर दर्ज है।

हैरत की बात यह है कि जब इस जमीन को ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल की संस्थापक ने जिससे भी खरीदा, उस समय रिकॉर्ड में यह जमीन अहस्तांतरित दर्ज थी और आज भी यह जमीन राजस्व दस्तावेज में अहस्तांतरित ही दर्ज है, जबकि यह जमीन अब तक चार लोगों के नाम पर ट्रांसफर हो चुकी है। दिलचस्प यह है कि अपने आप को पाक साफ बताने वाला ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन यहां पर रिसॉर्ट बना रहा है, वो भी उस घोटाले की राशि से, जिसे स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी जांच में उजागर किया है।

ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल सरकंडा प्रबंधन का नाता विवादों से छूटने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि कई तरह के मापदंड पूरे नहीं करने के कारण स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण करने से शिक्षा विभाग ने इनकार कर दिया है। इससे पहले पूर्व में शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच में 5 साल में 4.50 करोड़ रुपए के बचत घोटाले की पुष्टि हुई थी। जबकि इसी जांच में स्कूल प्रबंधन ने चार अलग अलग ऑडिट रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें अलग अलग बचत राशि दर्ज थी।

बिलासपुर: ड्रीमलैंड स्कूल में 4 करोड़ से अधिक का घोटाला फूटा… प्राचार्य ने एक साल में तीन ऑडिट रिपोर्ट पेश की… हर बार बचत राशि बदलती रही… जांच टीम ने पकड़ी गड़बड़ी…

पालकों से बेजा तरीके से वसूली करने की भी पुष्टि की गई है। यहां यह भी बता दें कि मान्यता देते समय शिक्षा विभाग ने स्पष्ट आदेश दिया था कि स्कूल का संचालन नो प्रॉफिट नो लॉस में किया जाएगा।

करोड़ों रुपए घोटाले और मान्यता नवीनीकरण का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ है कि ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन सरकंडा का एक और बड़ी गफलत सामने आ गई है। इस बार का मामला सरकारी जमीन से संबंधित है। रतनपुर तहसील के अंतर्गत तीन सरकारी खसरे की कुल 6.51 एकड़ जमीन को सरकारी महकमे से मिलकर स्कूल की संस्थापक नीलिमा सरकार ने अपने नाम पर रजिस्ट्री कर ली, जबकि इस जमीन के रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से अहस्तांतरित लिखा हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद यह जमीन उनके दोनों बेटे निताभ और नीलाभ सरकार के नाम पर आ गई।

इसके बाद दोनों भाइयों ने एक खसरे की 50 डिसमिल जमीन को अपनी पत्नियों को बेच दिया। इस जमीन की भी बाकायदा रजिस्ट्री हुई है। राजस्व विभाग के दस्तावेज के अनुसार वर्तमान में निवेदिता पति निताभ सरकार और तापोशी पति नीलाभ सरकार के नाम पर 0.2020 हेक्टेयर दर्ज है, यह जमीन उसी खसरे का हिस्सा है, जो राजस्व रिकॉर्ड में आज भी अहस्तांतरित दर्ज है।

हैरान करने वाली बात यह भी है कि रतनपुर तहसील अंतर्गत ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन परिवार के नाम पर जितनी भी जमीन दर्ज है, राजस्व रिकॉर्ड में कृषि मद दर्ज है, लेकिन मौके पर आलीशान रिसॉर्ट बनाया जा रहा है। पता चला है कि यहां रिसॉर्ट का निर्माण पांच पहले से किया जा रहा है, जिसमें अब तक 10 करोड़ रुपए से अधिक का इन्वेस्ट किया जा चुका है। अभी भी वहां निर्माण चल रहा है।

सूत्र तो यह दावा करता है कि स्कूल में जो फीस घोटाला किया जा रहा है, उस पूरी राशि को रिसॉर्ट निर्माण में लगाया जा रहा है। रिसॉर्ट बनाने के लिए न तो जिला प्रशासन से अनुमति ली गई है और न ही TNC से।