बिलासपुर: ड्रीमलैंड स्कूल को 97 लाख पेनाल्टी का नोटिस… शिक्षा विभाग ने कहा- बिना मान्यता 3 साल से चल रहा स्कूल…

नर्सरी से कक्षा 8वीं तक की मान्यता का नवीनीकरण नहीं होने के बावजूद भी आज भी उक्त संस्था का संचालन किया जा रहा है। आरटीई अधिनियम के तहत किसी भी स्कूल को मान्यता प्राप्त किए बिना बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का अधिकार नहीं है।

बिलासपुर Bilaspur News। जिला शिक्षा विभाग ने सरकंडा स्थित ड्रीमलैंड स्कूल को अंतिम नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 24 जुलाई 2०22 के बाद से स्कूल को मान्यता नहीं है। इसलिए इस दिन का एक लाख जुर्माना और तब से अब तक प्रतिदिन 10 हजार रुपए के हिसाब से क्यों न जुर्माना लगाया जाए। नोटिस का जवाब देने के लिए 3 अप्रैल तक का समय दिया गया है। जारी नोटिस में जुर्माने की राशि का आंकलन करें तो पता चलता है कि यह राशि 97 लाख रुपए से अधिक होगी।

दरअसल, शिक्षा विभाग ने कहा है कि स्कूल बिना मान्यता के पिछले 3 वर्षों से चल रहा है। प्रबंधन, अभी भी नर्सरी से लेकर कक्षा 8 वीं तक हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में कक्षाएं संचालित कर रहा है, जबकि आज भी इसकी मान्यता का नवीनीकरण नहीं हुआ है।

स्कूल प्रबंधन के इस अड़ियल रवैये को राइट टू एजुकेशन का उल्लंघन मानकर शिक्षा विभाग ने एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का नोटिस जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा में जवाब नहीं दिया गया तो हर दिन के लिए दस हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

शिक्षा विभाग के नोटिस के अनुसार ड्रीमलैंड स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण 16 अगस्त 2०19 से 24 जुलाई 2०22 तक किया गया था। 2०22 में स्कूल प्रशासन ने मान्यता के लिए आवेदन नहीं दिया। इस बीच स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहा था। परीक्षाएं भी हुईं और रिजल्ट भी जारी किया गया। इस तरह दो साल विलंब करने के बाद 9 अप्रैल 2024 को स्कूल प्रबंधन ने नवीनीकरण का आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन आवेदन में भवन के दस्तावेज संबंधित कई खामियां पाई गईं, जिसे पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग ने निर्देश भी दिया था।

स्कूल से जारी प्रमाण पत्र पर उठे सवाल

नर्सरी से कक्षा 8वीं तक की मान्यता का नवीनीकरण नहीं होने के बावजूद भी आज भी उक्त संस्था का संचालन किया जा रहा है। आरटीई अधिनियम के तहत किसी भी स्कूल को मान्यता प्राप्त किए बिना बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में उन बच्चों को जारी किया गया प्रमाण पत्र भी अवैधानिक हो सकता है, जो सीधे तौर पर उनके भविष्य पर संकट है।