बिलासपुर: गौण खनिज रायल्टी की बाजार दर पर कटौती के विरोध में ठेकेदार… बोले- ये हाल रहा तो घर बेचकर करना पड़ेगा भुगतान…

बिलासपुर। गौण खनिज रायल्टी की बाजार दर पर कटौती के विरोध में ठेकेदार लामबंद हो रहे हैं। उनका कहना है कि रायल्टी दर की कटौती स्वीकार है, लेकिन बाजार दर अव्यवहारिक है। यही हाल रहा तो ठेकेदारों को निर्माण कार्य का भुगतान घर बेचकर करना पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ कांटेक्टर्स एसोसिएशन बिलासपुर के जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा के नेतृत्व में गुरुवार को मंगला चौक स्थित एक होटल में ठेकेदारों की बैठक हुई। बैठक का प्रमुख मुद्दा छग शासन द्वारा राजपत्र में गौण खनिज रायल्टी की प्रकाशित दरें एवं बाजार दर से निर्माण कार्यों में ठेकेदारों से कटौती का था। जिलाध्यक्ष मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में स्टोन, रेत, मिट्‌टी-मुरुम में अगर बजार दर से कटौती की जाएगी तो ठेकेदारों को भारी नुकसान होगा। इसके अलावा बिल से जीएसटी, लेबर वेलफेयर टैक्स और अन्य कटौतियों के अलावा 5 वर्ष व 10 वर्ष का रखरखाव करने का नियम भी लागू किया गया है। इस परिस्थिति में निर्माण करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्यों के रखरखाव के लिए 5 वर्ष की समय-सीमा निर्धारित की गई है और जल संसाधन विभाग में 10 वर्ष की। जो पूर्णतः अव्यवहारिक है, जिसे संशोधित किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि पीएमजीएसवाई व एडीबी द्वारा जो निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, उनमें रखरखाच के लिए विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है। इस नियम को लागू किया जाना चाहिए। पीडब्ल्यूडी में तृतीय पार्टी चेकिग की शर्त निर्माण कार्यों में लागू की गई है। प्रदेश के निर्माण ठेकेदारों को चेकिंग की शर्तें मंजूर है, परन्तु चेकिंग की समय सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। ठेकेदारेां ने अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को थर्ड पार्टी चेकिंग में नहीं लाने की मांग की है। उनका कहना है कि निर्माण कार्य समाप्त होते ही अतिरिक्त सुरक्षा राशि को रिलीज किया जाना चाहिए। बैठक में संभागीय अध्यक्ष संजीव तिवारी, राजकुमार तिवारी, नगर निगम ठेकेदार संघ के अध्यक्ष अभिषेक सिंह, दीपेंद्र सिंह, कमल किशोर सिंह, अजितेष सिंह आदि शामिल थे।

बस्तर में प्रचलित नियम को लागू किया जाए

जिलाध्यक्ष मिश्रा ने बताया कि छग शासन द्वारा ई – पंजीयन चालू किया गया है, जिसके तहत बेरोजगार नवयुवकों को इस श्रेणी में पंजीयन कराकर एक वर्ष में ब्लॉक स्तर पर 50 लाख रुपए तक के निर्माण कार्य करने की पात्रता है। ठेकेदार इस निर्णय का स्वागत करते हैं, परन्तु जिस प्रकार से बस्तर परिक्षेत्र में 50 लाख तक का निर्माण कार्य में मेन्युअल टेण्डर नियम लागू किया गया है, उस नियम को समस्त प्रदेश में लागू किया जाए। नगर निगम एवं लोनिवि में भुगतान को लेकर अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसी भी कार्य के पूर्ण होते ही तत्काल भुगतान की व्यवस्था की जाए, ताकि कार्य सुचारू रूप से जारी रह सके।