बिलासपुर: विपक्ष से निपटने बुलाई थी बैठक… और खुद ही आपस में उलझ गए कांग्रेसी पार्षद… सभापति की जुबान फिसली… तो दिग्गज पार्षदों ने दिया ये जवाब…

बिलासपुर। नगर निगम की पहली सामान्य सभा में विपक्ष के सवालों से निपटने के लिए बुलाई गई समन्वय बैठक में कांग्रेसी पार्षद ही उलझ गए। सभापति शेख नजीरुद्दीन यह कहकर घिर गए कि उन्हें और मेयर को वरिष्ठ पार्षद सहयोग नहीं करते हैं। उनका इतना कहना था कि वरिष्ठ पार्षदों ने उनसे नाम गिनाने को कह दिया।

बैठक में बोलते-बोलते सभापति की जुबान भी फिसल गई। वे यह बोल गए कि कौन-कौन सीनियर पार्षद सहयोग नहीं कर रहे हैं सभी को वे जानते हैं पर नाम लेना नहीं चाहते। इससे वरिष्ठ पार्षद नाराज दिखे। इसी बीच पार्षद विष्णु यादव ने सभापति को टोका और पूछा कि जब आपको ऐसे पार्षदों का नाम पता है तो फिर सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे हैं। हम भी सुने तो आखिरी कौन-कौन वरिष्ठ पार्षदों से आप लोगों को शिकायत है। पार्टी के मंच पर हम सब अपनी बात रखने आए हैं। यहां तो सभी बातें खुलकर होनी चाहिए। उनका इतना कहना था कि पार्षद रामा बघेल भड़क गए। रामा ने सबसे पहले मेयर को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि दर्जनों बार मोहल्ले में बोरवेल कराने का आग्रह कर चुका हूं। आपको आवेदन भी सौंपा हूं। गर्मी के दिनों में भारी जल संकट से आप अच्छी तरह वाकिफ थे। इसके बाद भी मेरे मोहल्ले में पानी की समस्या दूरी नहीं हो पाई। मेरे साथ क्यों दुर्भावना रखी जा रही है। यही नहीं वार्ड में मिनी माता की प्रतिमा स्थापित करने का आग्रह किया था। अफसोस की बात ये कि आपके पास इसके लिए समय ही नहीं था। रामा के तेवर को देखते हुए बैठक समाप्ति की घोषणा करनी पड़ी।

दिग्गजों ने पढ़ाया पाठ

बैठक की शुरुआत अच्छे माहौल में हुई। पूर्व महापौर राजेश पांडेय,वाणी राव व पूर्व नेता प्रतिपक्ष बसंत शर्मा ने सामान्य सभा संचालन को लेकर अपनी बात रखी। इस अवसर पर पीसीसी उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव,विधायक शैलेष पांडेय,विधायक व संसदीय सचिव रश्मि सिंह,अपेक्स बैंक के चेयरमैन बैजनाथ चंद्राकर,जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी सहित दिग्गज कांग्रेसी उपस्थित थे। बैठक का संचालन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तैय्यब हुसैन ने की ।

किसने क्या कहा

हम सब को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम कांग्रेस के पार्षद हैं। कांग्रेस की रीति नीति और सिद्धांत पर चलते हुए बिलासपुर की जनता के हित में भूपेश बघेल सरकार के जनहित के फैसले का क्रियान्वयन कराना ही प्रमुख कार्य है। निगम में शामिल ग्राम पचांयतों का विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

रामशरण यादव

नई परिषद के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। राज्य में हमारी सरकार है। निगम में हमारा पूर्ण बहुमत है। पार्षद अपना महत्व व जिम्मेदारी को समझें। सदन चलाने के लिए सभापति को अध्ययन करना जरूरी है। भाजपा ने बीते 15 वर्षों में अपनी सुविधानुसार बहुत से नियमों को संशोधिन कराया है। शहर के बारे में शहर सरकार क्या सोचती है यह मेयर के भाषण में झलकना है। सदन में हमारी प्रभावी मौजूदगी रहनी चाहिए। एकजुटता जरूरी है। हम सब मेयर के साथ खड़े रहें। हमारी प्रभावी भूमिका दिखनी चाहिए।

बसंत शर्मा-पूर्व नेता प्रतिपक्ष,नगर निगम

सदन में हम सब एक होकर विपक्ष के सवालों का जवाब दें। सदन में हम सब हमारे नेता महापौर के साथ खड़े नजर आएं। उनकी बातों पर सहमति जताएं और विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करें। एकजुटता ही सदन के नेता की ताकत होती है।

वाणी राव-पूर्व महापौर

सदन के नेता के साथ हम सब पूरे समय नजर आएं। हमारी एकजुटता के आगे विपक्ष कुछ नहीं कर पाएगा। संख्या बल में वे भी बराबरी की स्थिति में है। हम सत्ताधारी दल से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए हमारी अपनी भूमिका कुछ खास रहेगी।

राजेश पांडेय-पूर्व महापौर