BILASPUR: अवैध कमर्शियल विज्ञापन लगाने वालों की ख्ौर नहीं, मिलेगा नोटिस, भरना होगा जुर्माना… उद्योगों को अब टैक्स में 60 प्रतिशत की छूट… महापौर रामशरण यादव की अध्यक्षता में हुई मेयर इन कौंसिल की बैठक…
मेयर RAMSHARAN YADAV ने नगर निगम सीमा के अंदर रोड डिवाइडरों और बिजली खंभों में कामर्शियल विज्ञापन के एवज में टैक्स वसूली की समीक्षा की तो पता चला कि डिवाइडरों और खंभों पर मकान किराया या दुकानों से संबंधित अवैध विज्ञापन लगा दिए जाते हैं। ये ज्यादातर स्टीकर होते हैं, जिसके चलते उसे निकालने में परेशानी आती है।
बिलासपुर BILASPUR NEWS। नगर निगम की एमआईसी की बैठक में उद्योगों को अब टैक्स में 60 प्रतिशत की छूट देने की मंजूरी दी गई है। यह छूट अतिरिक्त क्षतिपूर्ति अनुदान दिए जाने की स्वीकृति के एवज में दी गई है। बैठक में जनहित से संबंधित कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं।
महापौर रामशरण यादव RAMSHARAN YADAV की अध्यक्षता में मंगलवार को विकास भवन स्थित दृष्टि सभाकक्ष में मेयर इन कौंसिल की बैठक हुई। मेयर की अनुमति पर बैठक की कार्यवाही शुरू की गई। बैठक का पहला एजेंडा औद्योगिक क्ष्ोत्रों को टैक्स में छूट देने को लेकर था।
मेयर RAMSHARAN YADAV ने सदन को बताया कि पूर्व में हुई बैठक में उद्योगों को टैक्स में 30 प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव पारित कर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय को भ्ोजा गया था, जहां से एक पत्र आया है, जिसमें औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर से भारमुक्त किए जाने का उल्लेख है।
RAMSHARAN YADAV ने बताया कि नगर पालिक अधिनियम में नगर निगम को संपत्ति कर में छूट देने की शक्ति दी गई है। राज्य सरकार, निगम की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए निगम द्बारा प्रदान की जाने वाली छूट की अधिकतम सीमा निर्धारित कर सकेगी। बैठक में बताया गया कि 2010-11 से 2022-23 तक जोन क्रमांक 2 तिफरा में स्थित 434 उद्योगों पर 22 करोड़ 47 लाख 83 हजार रुपए टैक्स बकाया है। वर्ष 2023-24 में इन उद्योगों पर 3 करोड़ 37 लाख छह हजार रुपए अनुमानित टैक्स हो रहा है।
नगर निगम की वित्तीय वर्ष 2०22-23 में कुल आय 1 अरब 6 करोड़ 28 लाख 76 हजार रुपए और कुल व्यय 1 अरब 25 करोड़ 49 लाख 98 हजार रुपए है। इस तरह से नगर निगम वित्तीय वर्ष 2०22-23 में 19 करोड़ 21 लाख 2० हजार रुपए की हानि की स्थिति में है। मेयर RAMSHARAN YADAV ने राज्य शासन के पत्र के अनुपालन में सीएसआईडीसी द्बारा उद्योगों को आबंटित क्ष्ोत्र में कुल चालू और बकाया मांग में 60 प्रतिशत छूट देने और छूट देने के एवज में नगर पालिक निगम बिलासपुर को अतिरिक्त अनुदान दिए जाने का प्रस्ताव का लाया, जिसे एमआईसी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
इस प्रस्ताव को राज्य शासन को भ्ोजने के निर्देश निगम अफसरों को दिए गए हैं। बैठक में सभापति श्ोख नजीरुद्दीन, एमआईसी सदस्य राजेश शुक्ला, विजय केशरवानी, अजय यादव, मनीष गढ़ेवाल, परदेशी राज, सीताराम जायसवाल, भरत कश्यप, संध्या तिवारी, संगीता गोयल, अपर आयुक्त राकेश जायसवाल, सभी जोन के कमिश्नर आदि मौजूद रहे।
जनचौपाल में मिले आवेदनों की समीक्षा
मेयर RAMSHARAN YADAV ने नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए सभी जोन में जनचौपाल लगाई थी। इस दौरान उन्होंने मौके पर नागरिकों की समस्याएं, शिकायतें और मांगें सुनी थीं। उन्होंने निगम के अधिकारियों को नागरिकों की मांगों और समस्याओं को जल्द निपटाने के निर्देश दिए थ्ो। बैठक में मेयर श्री यादव ने जनचौपाल में आए आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की तो अधिकारियों ने बताया कि सभी आवेदन निराकृत कर दिए गए हैं। राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
84 करोड़ कर की वसूली
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम को वित्तीय वर्ष 2०22-23 में 89 करोड़ विभिन्न कर से वसूली का लक्ष्य मिला था, जिसके एवज में अब तक 84 करोड़ रुपए वसूल किए जा चुके हैं।
अवैध कामर्शियल विज्ञापन लगाने वालों को मिलेगा नोटिस
मेयर RAMSHARAN YADAV ने नगर निगम सीमा के अंदर रोड डिवाइडरों और बिजली खंभों में कामर्शियल विज्ञापन के एवज में टैक्स वसूली की समीक्षा की तो पता चला कि डिवाइडरों और खंभों पर मकान किराया या दुकानों से संबंधित अवैध विज्ञापन लगा दिए जाते हैं। ये ज्यादातर स्टीकर होते हैं, जिसके चलते उसे निकालने में परेशानी आती है। मेयर श्री यादव ने दो टूक शब्दों में कहा कि उन विज्ञापनों में मोबाइल नंबर दिया रहता है। उन्हें फोन कर नोटिस जारी करते हुए जुर्माना लगाएं।
शहर में प्रवेश द्बार जल्द बनाने के निर्देश
मेयर RAMSHARAN YADAV ने नगर निगम के अधिकारियों से पूछा कि पूर्व की बैठक में शहर की पांच दिशाओं में प्रवेश द्बार बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था, उस पर कितना अमल हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि इस्टीमेट बना लिया गया है। मेयर श्री यादव ने प्रवेश द्बार को शीघ्र बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि शहर में प्रवेश करने वालों को पता चल सके कि वे निगम सीमा में आ गए हैं।