छत्तीसगढ़: सभी विकासखण्डों में हर सप्ताह लगेंगे 6-6 हाट बाजार क्लिनिक… हाट-बाजार क्लिनिक योजना की तैयारियों के लिए बैठक हुई…
रायपुर। रायपुर जिले के सभी चारों विकासखण्डों में हर सप्ताह 6-6 हाट बाजार क्लिनिक लगाये जाएगें। इस प्रकार प्रतिमाह जिले के हर एक विकासखंड में 24- 24 बाजार लगाए जाएंगे और जिले में 96 हाट बाजार क्लिनिक लगाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के सफल क्रियान्वयन और तैयारियों के लिये गत दिवस कलेक्टर सौरभ कुमार के मार्गदर्शन में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मयंक चतुर्वेदी ने समीक्षा बैठक ली। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, नोडल अधिकारी हाट-बाजार तथा वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से जनपद पंचायतो के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर एवं खण्ड विस्तार प्रशिक्षक भी जुड़े।
बैठक में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियांे को निर्देशित किया गया कि हर हाट-बाजार में एक शेड का निर्माण हो एवं हाट बाजार के साथ-साथ वाहन की व्यवस्था भी उपलब्ध हो। उल्लेखनीय है कि हॉट-बाजार क्लिनिक योजना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं में एक हैं। हॉट-बाजार के लिए डेडिकेटेड चिकित्सा दल में एक एमबीबीएस डॉक्टर अथवा ग्रामीण चिकित्सा सहायक, एक स्टॉफ नर्स या ए.एन.एम., एक पुरुष स्वास्थ्य कार्यक्रर्ता द्वारा अपनी सेवाए दी जाती है।
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हाट-बाजार क्लिनिक में निशुल्क जाँच कर निशुल्क दवा दी जाती है। क्लिनिक में मलेरिया, टी.बी., कुष्ठ रोग, सिकिल सेल, एनिमिया इत्यादि बीमारियों की जाँच एवं पहचान और ईलाज की भी व्यवस्था रहती है। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जॉच और सलाह देने के साथ-साथ बालिकाओं, महिलाओं एवं बच्चों के पोषण के स्तर की जॉच एवं सुपोषण के संबंध में सलाह भी दी जाती है। विशेषकर 6 माह तक केवल मां का दूध देने और उसके बाद पोषक आहार के संबंध में भी सलाह दी जाती है। इसी तरह क्लिनिक के माध्यम से उल्टी-दस्त से बचाव, बच्चों में निमोनिया से बचाव तथा उनके ईलाज के संबंध में सलाह, ओ आर.एस. के उपयोग का तरीका भी बताया जाता है।
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मीरा बघेल ने बताया कि ऐसे मरीज जिनको परीक्षण तथा प्रांरभिक जाँच के पश्चात् विशेषज्ञ जॉच की आक्यकता हैं उनके लिए पृथक से कार्ड बनाने की व्यवस्था की गई है। ऐसे मरीज जिनके आगे की जाँच एवं उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर की जानी है, उन्हें पीला कार्ड प्रदान किया जाएगा। ऐसे मरीज जिनकी आगे की जाँच एवं उपचार हेतु जिला अस्पताल अथवा चिकित्सा महाविद्यालय भेजा जाना आवश्यक हैं, उन्हें गुलाबी कार्ड प्रदान किया जाएगा।