छत्तीसगढ़; हाईकोर्ट ने 5 आईएएस से पूछा- क्यो न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए… कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर गंभीर कदम उठाने की चेतावनी…

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता विभाग के पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कदम उठाने की चेतावनी दी है। कोर्ट ने इन अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। यह मामला तब सामने आया, जब छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक सुनील तिवारी ने एक जीवित पत्नी के होते हुए बिना विभाग से अनुमति लिए दूसरी शादी कर ली।

इस पर बिलासपुर निवासी विनय शुक्ला ने विभाग से शिकायत की और सुनील तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जब विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 महीने के अंदर जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने विभाग को कोर्ट के आदेश के अनुरूप आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन निर्धारित समय सीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही अधिकारी के खिलाफ कोई जांच शुरू की गई। इस पर शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता संतोष पांडेय के माध्यम से फिर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आईएएस अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया। नोटिस में कोर्ट ने पूछा कि क्यों न हिमशिखर गुप्ता (तत्कालीन सचिव सहकारिता), सीआर प्रसन्ना (वर्तमान सचिव सहकारिता), रमेश शर्मा (तत्कालीन पंजीयक सहकारिता), दीपक सोनी (तत्कालीन पंजीयक सहकारिता) और कुलदीप शर्मा (वर्तमान पंजीयक सहकारिता) के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक सुनील तिवारी ने एक जीवित पत्नी के रहते हुए विभाग से अनुमति लिए बिना दूसरी शादी कर ली। इसके खिलाफ बिलासपुर निवासी विनय शुक्ला ने विभाग से शिकायत कर अधिकारी सुनील तिवारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। शिकायत पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की। हाईकोर्ट ने सुनवाई उपरांत अधिकारी सुनील तिवारी के खिलाफ 6 माह के अंदर जांच कर कार्रवाई का निर्देश देते हुए याचिका को निराकृत किया। कोर्ट के आदेश के साथ शिकायतकर्ता ने विभाग को आवेदन प्रस्तुत किया। निर्धारित समय समा’ होने के बाद दोषी अधिकारी को बचाने मामले की जांच भी नहीं की गई और न ही कोई कार्रवाई हुई। इस पर शिकायतकर्ता ने अधिवक्ता संतोष पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका पेश की।

अवमानना याचिका पर जस्टिस व्यास के कोर्ट में हुई सुनवाई

जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आईएएस अधिकारी हिमशिखर गुप्ता तत्कालीन सचिव सहकारिता, सीआर प्रसन्ना वर्तमान सचिव सहकारिता, रमेश शर्मा तत्कालीन पंजीयक सहकारिता, दीपक सोनी तत्कालीन पंजीयक सहकारिता एवं कुलदीप शर्मा वर्तमान पंजीयक सहकारिता को अवमानना नोटिस जारी कर कहा कि क्यों ने आप के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।