कूल्हे की जोड़ का मेजर ऑपरेशन, हड्‌डी भी सूख गई, पर रेलवे डॉक्टर न तो मेडिकल अनफिट कर रहे और न ही मेडिकल डी-केटराइज… एक साल से डॉक्टरों का चक्कर लगा रहे पीड़ित रेलकर्मी…

Major operation of the hip joint, the bone also dried up, but the railway doctors are neither medically unfit nor medical de-ketorize... The suffering railway workers who have been circling the doctors for a year...

बिलासपुर। (railway hospital bilaspur) रेलवे डॉक्टरों की अफसरशाही का खामियाजा एक रेलकर्मी भुगत रहा है। उनके कूल्हे की जोड़ में मेजर ऑपरेशन हुआ है। कूल्हे की हड्‌डी भी सूख गई है, जिसके कारण वे अपने पैरों पर चल नहीं पा रहे हैं, लेकिन रेलवे के डॉक्टर न तो मेडिकल अनफिट कर रहे हैं और न डी केटराइज। गुरुवार को रेलकर्मी को सीएमएस आफिस में बुलाया गया था और फिर से उन्हें एक्सरे कराने की पर्ची थमा दी गई है।

बिलासपुर जोन के बिलासपुर मंडल के कोटमीसोनार डीएमटी 33 में गुहारी राम यादव ट्रैकमैन के पद पर पदस्थ हैं। अक्टूबर 2020 में बाथरूम में गिर जाने के कारण उनके कूल्हे की हड्‌डी टूट गई थी। रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती होने पर एक्सरे कराया गया। उनका इलाज डॉक्टर रूपक चटर्जी कर रहे थे। उन्होंने 10 अक्टूबर 2020 को कूल्हे की जोड़ का मेजर ऑपरेशन किया। कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखने के बाद उन्होंने डिस्चार्ज किया। उस समय गुहारी राम यादव को चलने-फिरने में दिक्कत हो रही थी। लोको हॉस्पिटल में आरएमसी लेकर वे रेलवे अस्पताल में इलाज करा रहे थे। इस दौरान डॉक्टर चटर्जी ने उन्हें हल्का काम देने के लिए इंजीनियरिंग विभाग को अनुशंसा की, पर पीडब्ल्यूआई ने यह लिखकर दे दिया कि ट्रैक में कोई हल्का काम नहीं है।

गुहारी राम ऑपरेशन के बाद चलने फिरने में असमर्थ हैं, लेकिन रेलवे डॉक्टर चटर्जी ने उन्हें यह कहकर कई बार फिट कर दिया कि साइकिल चलाने से वे ठीक हो जाएंगे। रेलवे डॉक्टर द्वारा फिट करने के बाद गुहारी राम ने प्रावेइट अस्पताल में इलाज कराया। इस दौरान उन्होंने रेलवे से वीआरएस लेना चाहा, लेकिन रेलवे के नियम के अनुसार उन्हें वीआरएस नहीं दिया गया। रेलवे में चौकीदारी काम कराने की मांग भी की, जिस पर इंजीनियरिंग विभाग के पीडब्ल्यूआई ने उनका स्पेशल मेडिकल कराने का पत्र सीएमएस ऑफिस को लिखा, लेकिन रेलवे डाक्टरों ने स्पेशल मेडिकल करने से इनकार कर दिया। करीब 1 साल तक डॉक्टरों का चक्कर काटने के बाद रेलवे डॉक्टर चटर्जी ने 31 जनवरी 2022 को स्पेशल मेडिकल करने के लिए सीएमएस को रेफर किया।

दो माह तक कागजी घोड़ा दौड़ाने के बाद गुरुवार को गुहारी राम को सीएमएस ऑफिस बुलाया गया था। दो घंटे तक व्हील चेयर में बैठाने के बाद उन्हें सीएमएस डॉ. एके दास ने बुलवाया और चंद मिनट देखने के बाद बाहर भेज दिया। कुछ देर बाद लिपिक यादव ने उन्हें कार्यालय में बुलाया और कहा कि इतने कागजात से काम नहीं चलेगा। जिस समय ऑपरेशन हुआ था, उस कागज को दीजिए। उस समय ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर चटर्जी भी वहां बैठे थे। गुहारी राम के पुत्र ने बताया कि सारे कागजात लोको अस्पताल में जमा है, क्योंकि वहां से आरएमसी पर थे। शुक्रवार को उन्हें फिर बुलाया गया है।

दो माह बाद फिर उसी हड्‌डी का एक्सरा कराने कहा

मेडिकल अवकाश पर रहने के दौरान गुहारी राम यादव 25 फरवरी 2022 को डॉ. चटर्जी के पास गए थे। उन्होंने उनकी स्थिति देखने के बाद एक्सरे कराने कहा। पांच दिन बाद एक्सरे रिपोर्ट मिलने के बाद गुहारी राम ने डॉक्टर चटर्जी को फिर दिखाया तो उन्होंने बताया कि कूल्हे की जोड़ की हड्‌डी तो जुड़ गई है, लेकिन हड्‌डी सूख रही है। इसलिए वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पा रहे हैं।

उन्होंने स्पेशल मेडिकल कराने के लिए सीएमएस को रेफर कर दिया। गुरुवार को सीएमएस डॉ. दास के देखने के बाद डॉ. चटर्जी ने दो माह पहले जिस हड्‌डी का एक्सरा कराया था, उसका फिर से एक्सरा कराने पर्ची लिख दी है। इस तरह रेलवे डॉक्टरों की अफसरशाही से एक रेलकर्मी प्रताड़ित हो रहे हैं।