बिलासपुर: सेंट जेवियर्स स्कूल से पालक हो जाएं सावधान..! क्योंकि मान्यता को लेकर चल रही जांच… एडमिशन कराने से पहले देख लें इन दो स्कूलों का CBSE एफिलेशन…

सेंट जेवियर्स स्कूल प्रबंधन द्वारा उसलापुर, जबडा पारा सरकंडा और कोटा में भी स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से नर्सरी से आठवीं तक अंग्रेजी माध्यम में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा इन स्कूलों में हाईस्कूल की कक्षाओं में प्रवेश लेकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।

बिलासपुर। अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य और अच्छी तालीम दिलाने के लिए सेंट जेवियर्स स्कूल में एडमिशन दिलाने वाले पालक सावधान हो जाएं, क्योंकि जिले में सेंट जेवियर्स के तीन स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता लिए बगैर संचालित किए जा रहे हैं। ये तीन स्कूल सिर्फ स्टडी सेंटर हैं। मामले की शिकायत मिलने पर डीईओ टीआर साहू ने जांच कमेटी बिठा दी है। उन्होंने जांच के बिंदु भी तय कर दिए हैं। 

एक समाजसेवी ने जिला शिक्षा अधिकारी से एक शिकायत की है, जिसमें दावा किया गया है कि सेंट जेवियर्स स्कूल प्रबंधन द्वारा उसलापुर, जबडा पारा सरकंडा और कोटा में भी स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से नर्सरी से आठवीं तक अंग्रेजी माध्यम में कक्षाएं संचालित करने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा इन स्कूलों में हाईस्कूल की कक्षाओं में प्रवेश लेकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इन स्कूलों में CBSE की कक्षाएं संचालित की जा रही है।

लोकल परीक्षाएं तो स्कूल कैंपस में ली जाती हैं, लेकिन बोर्ड परीक्षा प्रमुख ब्रांच भरनी में ली जाती है। इसके लिए बच्चों को भरनी ले जाया जाता है। हालांकि सेंट जेवियर्स प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए लाख प्रयास कर रहा है। दावा यह भी किया जा रहा है कि उनके पास मान्यता संबंधी सर्टिफिकेट है, लेकिन यह सर्टिफिकेट दिखाने से इनकार कर रहा है। बच्चों के भविष्य से संबंधित शिकायत को शिक्षा विभाग ने भी गंभीरता से लिया है।

डीईओ टीआर साहू का कहना है कि इस मामले में शिकायत मिली है, जिस पर नोटशीट चलाई गई है। उसलापुर स्कूल की प्राचार्य को मामले की जांच का जिम्मा दिया गया है।

ये हैं शिकायत के बिंदु

1- सेंट जेवियर्स स्कूल जबड़ापारा सरकंडा व उसलापुर सीबीएसईद्य से बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं।

2- स्कूल प्रबंधन द्वारा सत्र 2020-21, 21-22, 22-23 और 23-24 में अध्ययनरत छात्रों से अवैधानिक तरीकों से हर वर्ष पंजीयन शुल्क लिया गया।

3- मनमाने ढंग से पुनः प्रवेश शुल्क, मेंटेनेंस शुल्क वसूला जा रहा है।

4- सत्र 2020-21, 21-22, 22-23 एवं 23-24 में अध्ययनतरत स्टूडेंट्स से लिए जाने वाले शुल्क से संबंधित स्कूल फीस पंजी, आय-व्यय पंजी, केशबुक, लेजर, शुल्क संधारित पंजी सहित समस्त दस्तावेज में भारी अनियमितता है।

5- स्टूडेंट्स से जो फीस ली जाती है, उस हिसाब से आय-व्यय का ब्योरा तक नहीं दिखाया जाता है।

रायपुर में कार्रवाई, अब बिलासपुर की बारी

चैतन्य टेक्नो ग्रुप की दो ब्रांच अमलीडीह और सरोना रायपुर में संचालित थीं। दोनों ब्रांच को अभी तक मान्यता नहीं मिली है। जांच में पुष्टि होने पर चैतन्य टेक्नो स्कूल की अमलीडीह ब्रांच को सील कर दिया गया। इससे पहले भी मान्यता के बिना छात्रों को एडमिशन देने के कारण स्कूल की दो ब्रांच पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। रायपुर में कार्रवाई होने के बाद अब कहा जा रहा है कि बिलासपुर में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर जल्द ही कार्रवाई होगी।