शिक्षा विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाला: नेताजी के पीए की चमक गई किस्मत… सूट-बूट में आया बदलाव… और बन गया मकान-कार का मालिक…

पत्र में इशारा किया गया है कि पीए की इतनी औकात नहीं कि वह नेताजी की रजामंदी के बगैर अकेले इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे सके।

बिलासपुर। प्रदेश में सहायक शिक्षक एलबी की पदोन्नति के बाद ट्रांसफर-पोस्टिंग क्या हुई, बिलासपुर जिले के एक नेताजी के पीए की किस्मत ही चमक गई। 30 हजारी पीए के रहन में बदलाव। सूट-बूट फर्स्ट क्लॉस अफसर से भी बेहतर। यही नहीं, एक झटके में आलीशान मकान और कार का भी मालिक बन बैठा है। नेताजी के इस पीए ने दूसरे नेताजी के पीए से तीन लाख रुपए लेकर संशोधन आदेश निकलवाया है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया में वायरल एक पर्चे में यह दावा किया गया है।

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शिक्षा विभाग के संभागीय कार्यालय द्वारा सहायक शिक्षक एलबी की पदोन्नति के बाद पोस्टिंग के संशोधित आदेश निकालने के मामले ने बड़ा तूल पकड़ा हुआ है। सरकार ने जब से इस मामले की जांच का आदेश दिया है, तब से हर दिन नया खुलासा हुआ है। कुछ शिक्षकों की पोस्टिंग में संशोधन का फर्जी आदेश भी निकलने का मामला सामने आ रहा है।

दूसरी ओर सोशल मीडिया में एक पर्चा वायरल हो रहा है। हालांकि इस पर्चे की सच्चाई की पुष्टि हम नहीं कर रहे हैं, लेकिन पर्चे पर गौर करें तो उसमें ओहदेदार नेता का पद और उसके 30 हजारी पीए का नाम लिखा हुआ है। पर्चा में दावा किया गया है कि इस नेता के पीए ने दूसरे क्षेत्र के नेता के पीए से 3 लाख रुपए लेकर संशोधित आदेश निकलवाया है। दरअसल, दोनों पीए शिक्षा विभाग से ही ताल्लुक रखते हैं। यह एक बानगी है।

पर्चा में दावा किया गया है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग की आड़ में उस नेता के पीए ने कितने रुपए का खेल किया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संशोधन आदेश निकलवाने वाले पीए ने भ्रष्टाचार के पैसे से अपने जन्मदिन को यादगार बना दिया है। दावा किया गया है कि शहर के एक होटल में जन्मदिन की शानदार पार्टी दी गई और 500 से 600 लोगों को गले तक खिलाया और पिलाया भी। ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले के बाद पर्चे में नेताजी के पीए के ठाठ-बाट के बारे में लिखा गया है।

बताया गया है कि 30 हजारी पीए के पास अचानक इतने रुपए आ गए कि उसने अपना रहन-सहन भी चेंज कर दिया। कभी पांच अंकों की कीमत वाले मोबाइल से काम चलाने वाले पीए अब छह अंकों की कीमत वाले मोबाइल लेकर चलते हैं। पहनावा भी किसी आईएएस या आईपीएल अफसर से कम नहीं। दावा तो यह भी किया गया है कि भ्रष्टाचार के पैसों से पीए ने शहर से लगे हुए एक क्षेत्र की रिहायशी कॉलोनी में एक आलीशान मकान लिया है, जिसकी कीमत का अंदाजा कोई भी लगा सकता है।

दोपहिया वाहन की जगह अब लाखों रुपए की कार का मालिक बन गया है। पर्चा में दावा किया गया है कि यदि जांच की दिशा पीए की सुई पीए की ओर घूमती है तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। पत्र में इशारा किया गया है कि पीए की इतनी औकात नहीं कि वह नेताजी की रजामंदी के बगैर अकेले इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे सके।

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