SSR CASE: सुशांत सिंह राजपूत केस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला…अब सीबीआई करेगी जांच…कोर्ट ने मुंबई पुलिस को दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के दिए आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश…..

1. बिहार पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की, वह सही थी।
2. सीबीआई जांच की सिफारिश भी कानून के मुताबिक की गई।
3. मुंबई पुलिस जांच में सहयोग करे, जो भी सबूत जुटाए हैं, उन्हें सीबीआई को सौंपे।
4. कोई और एफआईआर दर्ज होती है तो, उसकी जांच भी सीबीआई करेगी।

 

सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती की याचिका खारिज कर दी है। सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच अब सीबीआई करेगी। साथ ही मुंबई पुलिस को तमाम दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई को रेफर करने का अधिकार है। सीबीआई चाहे तो नया मुकदमा दर्ज कर सकती है।

 सुशांत के पिता केके सिंह ने रिया के खिलाफ बिहार में केस दर्ज कराया था। इसे मुंबई ट्रांसफर कराने के लिए अभिनेत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर  की थी।  जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने पिछले मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। सीनियर वकील मनिंदर सिंह बिहार सरकार की तरफ से, अभिषेक मनु सिंघवी महाराष्ट्र सरकार, श्याम दिवान रिया की तरफ से और विकास सिंह ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की ओर से पैरवी की।

रिया ने अपनी याचिका में कहा था कि सुशांत के पिता की एफआईआर का पटना में किसी अपराध से कोई कनेक्शन नहीं है। पटना में केस दर्ज होने से राज्य भारी दखल दे रहा है। बिहार में चुनाव होने वाले हैं इसलिए इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। हालांकि बिहार पुलिस ने  मुंबई पुलिस पर सहयोग नहीं देने का आरोप लगाया था। 

सुप्रीम कोर्ट में रिया के वकील श्याम दिवान ने कहा था कि ‘रिया, सुशांत से प्यार करती थीं। सुशांत के निधन से वो सदमे में हैं।’ उन्होंने पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई है, उसे मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की। वकील ने कहा कि ‘पटना में एफआईआर दर्ज की गई है जबकि वहां घटना ही नहीं हुई थी। अगर मामले को पटना से मुंबई ट्रांसफर कर दिया जाता है तो रिया को न्याय मिल पाएगा।’ 

सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा था कि सुशांत केस में मुंबई पुलिस ने कभी एफआईआर दर्ज नहीं की। किसी केस में अगर किसी को जांच के लिए बुलाया जाता है तो एफआईआर होना जरूरी है। मुंबई पुलिस केस में देरी कर रही थी। ऐसा संभव है कि उन पर कोई सरकारी दबाव हो। उन्होंने हमारी कोई मदद नहीं की।